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सत्यम ड्रीम प्रोजेक्ट की अवैध कॉलोनी: गरीबों की खून पसीने की कमाई डकार गया बिल्डर …. देखें…. वीडियो..

करमेता में आधे अधूरे मकान बनाकर दिए, वह भी गुणवत्ताहीन

जबलपुर यशभारत। गरीबों ने सालों तक सिर के ऊपर अपनी छत पाने के लिए पाई पाई जोड़ी। लाखों रुपए इक_ा करने के बाद उसे इस आस से बिल्डर को सौंप दिया की वह गुणवत्तापूर्ण और एक सुशोभित मकान का निर्माण करके उन्हें देगा लेकिन बिल्डर इसके विपरीत जाकर काम किया और गरीबों के खून पसीने की कमाई को डकार गया। पूरा मामला करमेता में बन रहे सत्यम ड्रीम प्रोजेक्ट का है । बिल्डर ने शहर में जहां भी कालोनियां बनाई वहां विवाद हमेशा रहा है। करमेता नगर में बन रहा है सत्यम ड्रीम प्रोजेक्ट अवलोकन यश भारत की टीम ने मौके पर जाकर किया तो चौंकाने वाला निर्माण कार्य सामने आए।

पतली बीम और घटिया रेत से जुड़ाई
सत्यम ड्रीम प्रोजेक्ट को अंधेर गर्दी का व्यापार ऐसे ही नहीं कहा जा रहा है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। दरअसल सत्यम प्रोजेक्ट के तहत करमेता में 11 मकानों का निर्माण आधा अधूरा किया गया है लेकिन इस निर्माण कार्य में जो सामग्री उपयोग की गई है वह गुणवत्ताहीन है । अंदाजा लगाया जा सकता है कि मकान की पतली भीम और घटिया रेत से दीवारे जोड़ी गई है जो महज कुछ ही दिन तक ही टिक पाएगी।

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रेरा का नियम ब्याज सहित राशि लौटानी पड़ सकती है
करमेता में सत्यम ड्रीम प्रोजेक्ट पूरी तरीके से अवैध है यहां बनने वाले मकान और प्लाटिंग भी अवैध है । क्योंकि बिल्डर द्वारा रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवेलपमेंट) से अनुमति ही नहीं ली गई है। इधर रेरा अधिनियम की धारा 18 के तहत, यदि प्रमोटर की ओर से संपत्ति के कब्जे में देरी होती है, तो उपभोक्ता समझौते को समाप्त कर सकता है और पैसे वापस करने का अनुरोध कर सकता है। प्रमोटर को उपभोक्ता द्वारा भुगतान की गई पूरी राशि ब्याज सहित वापस करनी होगी। धारा 18 उपभोक्ता को परियोजना के साथ जारी रखने और पोजेशन तक हर महीने की देरी के लिए डेवलपर से मुआवजे का दावा करने का अधिकार भी देता है।

 

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80 मकान तैयार होना है 11 का काम हुआ
सत्यम ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत करमेता में करीब 80 मकान तैयार होने हैं जिसमें मुश्किल से 11 मकान पर छत बनी है वह भी गुणवत्ताहीन सामग्री के दम पर। कॉलोनी बनाने के पहले बिल्डर ने लोगों को आश्वासन दिया था मंदिर गार्डन और आने-जाने के लिए सुगम रास्ता दिया जाएगा। लेकिन कॉलोनी निर्माण किए हुए 2 साल से ज्यादा का वक्त हो गया लेकिन बिल्डर उन वादों को पूरा नहीं कर पाया जो उसने किया था।

2 साल बाद भी वादा पूरा नहीं किया
सत्यम ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत प्लाट और मकान लेने वाले गरीब इस समय आंसू बहा रहे । कहा जा रहा है कि बिल्डर ने मकान और प्लाट की कीमत तो पूरी ले ली लेकिन उन्हें व सुविधाएं नहीं दी इसके वह हकदार थे। कॉलोनी निर्माण के पहले लोगों से वादा किया गया उन्हें पर्याप्त बिजली सड़क सुंदर गार्डन दिया जाएगा। परंतु 2 साल बीत जाने के बाद भी प्रोजेक्ट के बिल्डर द्वारा आज तक सुविधाओं को पूरा करने में रुचि नहीं दिखाई है।

गरीब है कहां से देंगे किराया और किस्त

सत्यम प्रोजेक्ट के तहत मकान लेने वाली पूनम पाठक का कहना है कि वह गरीब है और ऐसी स्थिति में मकान का निर्माण पूरा नहीं हुआ है अब वह किराए से मकान पर नहीं रह सकती क्योंकि मकान के लिए लोन लिया था उसकी किस्त भी जा रही है।

6 माह में मकान तैयार करने को कहा था
मंडला के केदार विश्वकर्मा का कहना है की बिल्डर ने 6 माह में मकान बनाकर देने को कहा था लेकिन आज 2 साल हो रहे हैं उनका मकान तैयार नहीं हुआ है वह हर हफ्ते मंडला से जबलपुर पहुंचकर बिल्डर को मकान बनाने के लिए कहते हैं परंतु उनकी कोई सुनवाई नहीं है।

 

इनका कहना है
करमेता में सत्यम प्रोजेक्ट की जानकारी प्राप्त हुई, कॉलोनी अवैध है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जानकारी ली जाएगी।
राजेश सिंह, तहसीलदार अधारताल

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