वेटरनरी यूनिवर्सिंटी की नई खोज: गाय-भैंस के लिए कैंडी चाकलेट का अविष्कार
चारा-पोष्टिक आहार नहीं मिलने पर पशुपालक खिला सकते हैं चाकलेट
जबलपुर, यशभारत। आम इंसानों की तरह अब गाय-भैंस भी चाकलेट का स्वाद ले सकेंगे। इस चाकलेट की खासियत यह रहेगी कि गाय-भैेंस को अगर चारा पोष्टिक आहार नहीं मिल पाता है तो पशुपालक यह चाकलेट खिलाकर उसकी कमी को दूर सकेंगे। नानाजी देशमुख विवि ने वैज्ञानिकों ने अविष्कार करते हुए मप्र सरकार को इसकी जानकारी पहुंचाई है। यह चॉकलेट खाने में स्वादिष्ट होगी और इससे तमाम पोषक तत्व भी जानवरों को मिल सकेंगे।
मालूम हो कि जबलपुर का नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अपने नये आइटम के साथ फिर हाजिर है। इस बार वो प्रोटीन और विटामिन से भरपूर चॉकलेट लेकर आया है. ये चॉकलेट जानवरों के लिए है।
चाकलेट का नाम नर्मदा विटामिन लिक
अब चॉकलेट की दीवानगी सिर्फ आम इंसानों तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि बच्चों और बड़ों के साथ जानवर भी चॉकलेट खा सकेंगे। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय में एक खास किस्म की कैंडी तैयार की है. इसे नर्मदा विटामिन लिक नाम दिया गया है. लेकिन यह चॉकलेट आम इंसानों की चॉकलेट से अलग है क्योंकि इसे खाने से किसी भी तरह का नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही फायदा होगा। ये चॉकलेट खासतौर से गाय भैंस के लिए है।
सेहत के लिए लाभकारी
ऐसे समय जब गाय के लिए चारा और भूसे का उपलब्ध न हो तो यह कैंडी उन्हें खिलायी जा सकती है. ये कैंडी उनकी सेहत के लिए बेहद लाभकारी होगी. ये चॉकलेट आयोडीन, गुड सहित कई आवश्यक चीजों को मिलाकर तैयार की गयी है। जानवरों को ये खाने में मीठी और स्वादिष्ट लगेगी, जानवर इससे चाट कर खा सकेंगे, एक कैंडी करीब करीब तीन से चार दिन में खत्म होगी।
कैटल चॉकलेट
वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति सीता प्रसाद तिवारी बताते हैं कि उन्होंने पशु पोषण विभाग को यह जिम्मेदारी दी थी कि वह जानवरों के लिए खास किस्म का फूड सप्लीमेंट तैयार करे. इसमें जानवरों को तमाम पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिल सकें., विशेषज्ञों की ओर से तैयार की गयी इस चॉकलेट को तकनीकी भाषा में कैटल चॉकलेट, कहा जा रहा है जिसे जल्द ही मार्केट में उपलब्ध करा दिया जाएगा। इससे गाय या भैंस में होने वाली तमाम दिक्कतों को दूर करने में आसानी होगी, साथ ही दूध का प्रोडक्शन भी बढ़ेगा, विश्वविद्यालय अब जल्द ही इन कैटल चॉकलेट को किसानों तक उपलब्ध कराने के लिए सरकार को पत्र लिखने वाला है। सरकारी मशीनरी के आधार पर ही इसे प्रदेश भर में जल्द उपलब्ध कराया जाएगा।