जबलपुरमध्य प्रदेश

वन विहार भेजा गया बाघ का शावक :  बीते दिवस रेस्क्यू कर पकड़ा था,हालत में सुधार के बाद वन विभाग ने दी अनुमति

सिवनी यश भारत-पेंच नेशनल पार्क के बफर एरिया टुरिया गांव से रेस्क्यू किए गए बाघ शावक को आज वन विहार भेजा गया है। यहां पर भी उसकी पूरी परवरिश होगी। जानकारी के अनुसार मंगलवार को टुरिया गांव में बाघ शावक घुस गया था। उसकी कमजोर स्थिति को देखते हुए उसे रेस्क्यू किया गया। उसे खवासा के वन्यप्राणी चिकित्सालय में रखा गया था।

WhatsApp Icon Join Youtube Channel

 

उसकी सेहत में सुधार होने के बाद रिपोर्ट वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ को भेजी गई थी। इसके बाद उसे वन विहार भेजने के आदेश दे दिए गए। पेंच के अधिकारियों ने बताया कि बाघ शावक मां से बिछड़ने के बाद संभवतः उसे किसी बाघ ने हमला कर दिया था। घायल होने के कारण वह शिकार नहीं कर पा रहा था। ऐसे में वह गांव की ओर शिकार करने की कोशिश में आ गया।

 

इलाज के बाद वह अब ठीक है। वहीं उसके ब्लड सैंपल की रिपोर्ट में कोई भी बीमारी नहीं होना पाया गया है। पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने आज दोपहर बताया कि विगत 20 अगस्त को टुरिया ग्राम में एक रिसॉर्ट से बाघ शावक को रेस्क्यू किया गया था। इस बाघ शावक की आयु लगभग 16 से 18 माह है। रेस्क्यू के उपरांत उसे खवासा वन्यप्राणी चिकित्सा सुविधा में रखा गया था। रेस्क्यू के दौरान ही उसके रक्त के नमूने भी लिए गए थे तथा नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर से आई रिपोर्ट में उसमें कोई भी बीमारी नहीं पाई पाई गई।

 

चूंकि बाघ शावक को पूर्व में भी उसकी मां के द्वारा दो से तीन अवसरों पर अपने से अलग कर दिया गया था तथा 20 अगस्त को रेस्क्यू के उपरांत बाघ की हालत देखकर वन्यप्राणी चिकित्सक का मानना था कि विगत कुछ दिवसों से उसकी मां ने उसे अपने से अलग कर दिया था। इसी वजह से वह कमजोर था और भोजन की तलाश में ग्रामीण क्षेत्र में आ गया था। बाघ शावक के स्वयं के द्वारा जीवन निर्वाह में सक्षम ना होने के कारण उसे मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक ने जंगल में छोड़ने के स्थान पर वन विहार भेजे जाने का निर्णय लिया। और आज 24 अगस्त को उसे वन विहार हेतु रवाना कर दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button