लग गया खरमास, एक महीने तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य

लग गया खरमास, एक महीने तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य
जबलपुर,यशभारत। खरमास आरंभ हो गया। 16 दिसंबर पौष मास कृष्ण पक्ष का प्रतिपदा है। पंडित जी कहते है कि इस बार खरमास 16 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 14 जनवरी 2025 तक रहेगा. इस दौरान हर तरह के शुभ कार्य मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे. शादी विवाह, उपनयन मुंडन, गृह प्रवेश एवं अन्य कई शुभ व मांगलिक कार्य नहीं होंगे। यशभारत अरुणोदय पंचाग के रचयिता ज्योतिषाचार्य पं. लोकेश व्यास ने बताया कि पौष कृष्ण पक्ष की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है. इस दिन प्रात: 7 बजकर 40 मिनट पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश किया। सूर्य 14 जनवरी 2025 तक इसी राशि में स्थित रहेंगे. अत: 16 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक का समय खरमास के रूप में माना जाएगा.
सूर्य की धनु संक्रांति आरंभ होते से ही विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, प्राण प्रतिष्ठा आदि कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस दौरान तीर्थ की यात्रा, तीर्थ पर पूजन या कल्पवास की स्थिति को तय करना चाहिए। सामान्य गृहस्थ के लिए 7 दिन से लेकर के 42 दिन तक का कल्पवास होता है। इस दौरान सत्संग, कथा श्रवण, भगवत भजन और दान आदि करने चाहिए।
16 जनवरी से आरंभ होंगे विवाह आदि शुभ कार्य
सूर्य का धनु राशि को छोड़कर के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति होगी। मकर में सूर्य के प्रवेश करते ही सूर्य का उत्तरायण माना जाता है और सूर्य के उत्तरायण से ही विवाह कार्य की दोबारा शुरुआत हो जाती है। 6 माह का उत्तरायण काल, उत्तरायण का समय अलग-अलग प्रकार के धार्मिक मांगलिक कार्यों का विशेष माना जाता है। इस समय में धर्म और पुण्य से जुड़े विशिष्ट कार्य किए जाते हैं। 16 जनवरी से दोबारा विवाह की शुरुआत हो जाएगी।
14 मार्च से 14 अप्रैल तक दोबारा मीन मास की संक्रांति14 मार्च के बाद में मीन संक्रांति आरंभ होगी यह भी मलमास की श्रेणी में आता है। 14 मार्च से 14 अप्रैल के मध्य अलग-अलग प्रकार के साधना उपासना का अनुक्रम रहेगा। 14 अप्रैल के बाद दोबारा मांगलिक कार्य की रूपरेखा शुरू होगी।
खरमास के दौरान इन कार्यों से बचें
खरमास के महीने में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य करना उचित नहीं है. शास्त्रों में इस पर स्पष्ट निषेध है. इस अवधि में विवाह, मुंडन जैसे समारोहों का आयोजन नहीं करना चाहिए.
इसके अतिरिक्त, खरमास में नया घर, प्लॉट या फ्लैट खरीदने से भी बचना चाहिए. नए घर में गृह प्रवेश करना भी इस समय शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि यह आपके लिए समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है.
खरमास के दौरान उपनयन संस्कार, नए व्रत या पूजा अनुष्ठान की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता है.
इस समय किसी नए व्यवसाय की शुरुआत या दुकान का उद्घाटन भी टालना चाहिए, क्योंकि इससे आपके व्यापार में रुकावट आ सकती है.
रिंग सेरेमनी और अन्य शुभ कार्यों से भी इस अवधि में परहेज करना चाहिए.
ज्योतिष आचार्य पंडित लोकेश व्यास ने खरमास के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार जिस समय में सूर्य ग्रहण में मीन राशि में प्रवेश करते हैं उसे समय खरमास लग जाता है इसीलिए खरमास साल में दो बार लगता है ऐसा माना जाता है की खरमास के समय में सूर्य देवता अपने गुरु यानी गुरु ग्रह की सेवा में लगे रहते हैं इस कारण खरमास के समय वह किसी भी तरह के मांगलिक कार्य में भाग नहीं लेते हैं इसीलिए खरमास में मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं क्योंकि इस समय सूर्य का देश काम हो जाता है और सूर्य के तेज के बिना कोई मांगलिक कार्य पूरा नहीं होता है क्योंकि सूर्य ग्रहण के राजा होते हैं और सूर्य के शुभ असर से सेहत संबंधी परेशानी दूर होती है सरकार से जुड़े काम सरकारी नौकरी बड़े अधिकारी सम्मान और राजनीति के कारक सूर्य होते हैं सूर्य के अ शुभ असर से आंखों और सर दर्द की समस्या होती है कामकाज में रुकावट आती है घरेलू विवाद होते हैं सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं सूर्य देव के राशि परिवर्तन से कुछ लोगों का सोया हुआ भाग भी जाग जाता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सिंह राशि के स्वामी भगवान सूर्य हैं जो की मेष राशि में उच्च के और तुला राशि में नीचे के होते हैं