रिश्वतखोर आरक्षकों को राहत:जबलपुर हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता करण जौहर के रिश्तेदारों से रिश्वत लेने वाले दो कांस्टेबल को दी अग्रिम जमानत
जबलपुर बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर के रिश्तेदारों से रिश्वत लेने वाले पुलिस के दो आरक्षकों को एमपी हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। दोनों आरक्षकों की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली। दोनों आरक्षकों पर आरोप है कि उन्होंने करण जौहर के रिश्तेदारों के खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट दाखिल करने के एवज में रिश्वत मांगी थी।
एमपी हाईकोर्ट ने भोपाल साइबर सेल में पदस्थ आरक्षक इंद्रपाल सिंह और सौरभ भट्ट की सशर्त अग्रिम जमानत की अर्जी मंजूर की। हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने 50 हजार के मुचलके पर दोनों को अग्रिम जमानत दी है। बता दें कि निर्माता-निर्देशक करण जौहर के रिश्तेदार डॉक्टर रीनी जौहर और गुलशन जौहर पर वर्ष 2012 में भोपाल साइबर सेल पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया था।
वर्ष 2012 में दर्ज हुई थी FIR
डॉक्टर रीनी और गुलशन जौहर विदेशी कंपनी ऑरा फोटो फ्रेम के डिस्ट्रीब्यूटर थे। एक ग्राहक से सामान की खरीदी के चलते हुई शिकायत पर कानूनी कार्रवाई से जूझ रहे थे। इस मामले में 2012 में FIR दर्ज हुई थी, जिसके बाद दोनों को जेल भी जाना पड़ा था।
खात्मा करने के एवज में 10 लाख रुपयों की डिमांड
डॉक्टर रीनी व गुलशन जौहर के जमानत पर छूटने के बाद मामले में खात्मा रिपोर्ट दाखिल करने की एवज में साइबर सेल के तत्कालीन डीएसपी दीपक ठाकुर द्वारा 10 लाख रुपए की डिमांड की गई। रीनी जौहर और गुलशन जौहर ने कांस्टेबल इंद्रपाल सिंह और सौरभ भट्ट के माध्यम से रिश्वत की रकम दी थी। जौहर की शिकायत पर 2015 में लोकायुक्त ने तत्कालीन डीएसपी समेत अन्य पर FIR दर्ज की थी। इस मामले में मुख्य आरोपी साइबर सेल भोपाल के तत्कालीन डीएसपी दीपक ठाकुर अभी भी फरार चल रहे हैं। इसी मामले में हाईकोर्ट ने दोनों कांस्टेबल को अग्रिम जमानत दी है।