रायशुमारी या मैच फिक्सिंग, लाखों कार्यकर्ताओं वाले जिले में 55 लोग ही बता पाएंगे अपनी पसंद, भाजपा कार्यालय में गहमागहमी के बीच पर्यवेक्षक और चुनाव प्रभारी कर रहे बात
रायशुमारी के आधार पर हुआ फैसला तो टंडन की सीट दोबारा कन्फर्म, अगर पैनल बने तभी होगा बदलाव
- कटनी। भाजपा का नया जिलाध्यक्ष चुनने पार्टी कार्यालय में रायशुमारी शुरू हो गई है। करीब 1 बजे शुरू हुई प्रक्रिया को लेकर भाजपा कार्यालय में काफी गहमागहमी का माहौल नजर आ रहा है। पर्यवेक्षक के रूप में कटनी पहुंची महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लता एलकर और जिले के संगठन चुनाव प्रभारी हरिशंकर खटीक नेताओं से मिलकर उनकी राय जान रहे हैं। रायशुमारी में चुनिंदा लोगों को पात्र बनाए जाने से वर्तमान जिलाध्यक्ष दीपक सोनी टंडन का पलड़ा भारी नजर आने लगा है। बाकी दावेदारों में हालांकि इस बात को लेकर आक्रोश है कि महज 55 लोगों की राय लेकर पार्टी के नए मुखिया का नाम तय कर दिया जाएगा, जबकि कटनी जिले में भाजपा के लाखों कार्यकर्ता और हजारों की तादात में सक्रिय सदस्य हैं। इन्हें अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिल पा रहा। यशभारत से बातचीत में पार्टी के नेताओं ने सवाल उठाए कि क्या भारतीय जनता पार्टी में यही लोकतंत्र है।
रायशुमारी को लेकर बरगवां स्थित भाजपा कार्यालय में सुबह से प्रमुख नेताओं और अपेक्षित लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। पार्टी ने भोपाल से पर्यवेक्षक के रूप में महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लता एलकर को कटनी भेजा। वे सुबह कटनी आ चुकी थी, जबकि कटनी जिले के चुनाव प्रभारी हरिशंकर खटीक रात्रि में ही कटनी आ गए थे। दोपहर 12 बजे दोनों नेताओं ने जिला कार्यालय पहुंचकर पहले अटलजी के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, इसके बाद 1 बजे रायशुमारी की प्रक्रिया शुरू कराई। रायशुमारी के दौरान पर्यवेक्षक अपेक्षित नेताओं से वन टू वन मिलते हुए उनसे उनकी पसंद के नामों पर चर्चा कर रहे हैं। बातचीत का सारा ब्यौरा पर्यवेक्षक और प्रभारी अपनी डायरी में नोट कर रहे हैं। रायशुमारी के दौरान जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों की मौजूदगी रही। जिला कार्यालय पहुंचने वालों में वर्तमान जिलाध्यक्ष दीपक सोनी टंडन, पूर्व जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, रामरतन पायल, पूर्व जिला महामंत्री कैलाश जैन सोगानी, पीतांबर टोपनानी, अश्वनी गौतम, सुनील उपाध्याय, आशीष गुप्ता, अभिषेक ताम्रकार, महिला मोर्चा अध्यक्ष, सीमा जैन सोगानी, पूर्व जिला उपाध्यक्ष गीता गुप्ता, अर्पित पोद्दार, दिलराज सिंह, सहित मंडल अध्यक्षों और प्रतिनिधियों की मौजूदगी बनी हुई है। रायशुमारी के चलते दावेदार अपेक्षित नेताओं से अपने अपने पक्ष में लॉबिंग करते रहे।
केवल इनको मिल रहा अपनी पसंद बताने का मौका
रायशुमारी में केवल चुनिंदा लोगों को ही अपनी पसंद बताने का मौका दिया जा रहा है। सूत्र बताते है कि जो इसके लिए अपेक्षित हैं उनमें 20 मंडलों के नवनिर्वाचित मंडल अध्यक्ष और मंडल प्रतिनिधि, जिले के चारों विधायक, खजुराहो और शहडोल संसदीय क्षेत्रों के सांसद, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, संगठन प्रभारी संजय साहू, सभी पूर्व जिलाध्यक्ष, महापौर, नगर निगम अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगर परिषदों के अध्यक्ष शामिल हैं। करीब 55 नेता ही पर्यवेक्षक और चुनाव प्रभारी से मुलाकात कर नए जिलाध्यक्ष के लिए चर्चा कर पाएंगे। अनेक नेताओं ने इस पर सवाल उठाए है। लोगों का कहना है कि क्या प्रदेश या केंद्र से ऐसे निर्देश मिले हैं कि सीमित लोग ही रायशुमारी का हिस्सा बन सकेंगे, या कटनी जिले में यह मनमानी की गई है। कहा जा रहा है कि जिस जिले में करीब 4 लाख साधारण सदस्य और करीब 8 हजार सक्रिय सदस्य बन गए हों, वहां केवल 55 लोगों से पूछा गया कि आप किसे जिलाध्यक्ष चाहते हैं। पार्टी में क्या यही लोकतंत्र की परिभाषा है। नेताओं का कहना है कि जिले के सभी वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंडल अध्यक्षों, पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों के साथ सभी सक्रिय सदस्यों को इस महत्वपूर्व मसले पर अपनी राय व्यक्त करने का अवसर मिलना चाहिए था। कहा जा रहा है आज हुई रायशुमारी मैच फिक्सिंग जैसी ही है। जिन्हें चुनाव प्रभारी और पर्यवेक्षक से मिलने दिया गया उनमें से 20 मंडलों के अध्यक्ष और 20 प्रतिनिधि कुल 40 लोग तो सीधे तौर पर वर्तमान जिलाध्यक्ष के पैनल के है। जाहिर है जब उनकी नियुक्ति में दीपक टंडन का रोल रहा तो वे उनके खिलाफ अपनी राय कैसे जाहिर करेंगे। बहरहाल पर्यवेक्षक और प्रभारी कितनी ईमानदारी से तीन नामों का पैनल बनाकर दिल्ली भेजते हैं, इस पर काफी कुछ टिका है, वरना इस रायशुमारी के भरोसे किसी बदलाव की संभावना कम ही है।