
रामनवमी पर भगवान राम प्रकट हुए। इसी बीच कनक भवन, श्रीराम जन्मभूमि सहित 10 हजार से ज्यादा मंदिरों में मंगल गीत गूंजने लगे। कनक भवन में गुब्बारे फोड़े गए। पुष्प वर्षा की गई। जन्मभूमि दरबार सहित पूरे मंदिर को 50 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। सजावट के लिए हरी पत्तियां असम-ओडिशा से मंगवाई हैं। गेंदा फूल कोलकाता जबकि ऑर्किड कनाडा से मंगाए गए हैं। रामलला पीले वस्त्र, सोने का मुकुट और हार पहनाया गया है।
अस्थायी राम मंदिर में यह आखिरी जन्मोत्सव है। अगले साल यानी 2024 की रामनवमी से पहले रामलला नए मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। श्रीराम का मंदिर 1800 करोड़ रुपए से बन रहा है। जन्मभूमि के अलावा, कनक भवन, श्रीरामवल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला और हनुमत निवास समेत रामनगरी के 10 हजार मंदिरों में मंगल ध्वनि गूंज रही है।