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राज्यसभा की संसदीय समिति पहुंची कटनी, सार्वजनिक सेवाओं को सशक्त बनाने पर जोर, मीडिया से रूबरू होकर बोले सदस्य – तकनीकी प्रगति पर भी फोकस

कटनी, यशभारत ।Screenshot 20250110 145438 WhatsApp3

मध्य प्रदेश के लिए यह एक ऐतिहासिक पहल रही, जब राज्यसभा की सूचना और संचार प्रौ‌द्योगिकी प्रबंधन (आईसीटीएम) पर संसदीय स्थायी समिति ने पहली बार शहर का दौरा किया और कटनी में बैठकों को सफलतापूर्वक संपन्न किया समिति की अध्यक्षता निरंजन बिस्सी (अध्यक्ष, आईसीटीएम एवं सांसद, राज्यसभा) द्वारा की गई, जिसमें सार्वजनिक सेवाओं को सशक्त बनाने और नागरिकों के डेटा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तकनीकी प्रगति के उपयोग पर मुख्य रूप से जोर दिया गया। इस अध्ययन दौरे की शुरुआत 9 जनवरी को हुई, जो 11 जनवरी, तक जारी रहेगी, और इसमें गुलाम अली (सांसद, राज्यसभा) तथा डॉ. कुशल पाठक (सांयुक्त सचिव, राज्यसभा) सहित अन्य माननीय सदस्य भी सम्मिलित हुए।
पहली बैठक के दौरान केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रतिनिधियों ने डाक विभाग, म.प्र. स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, स्थानीय पुलिस, स्थानीय प्रशासन और कॉमन सर्विस सेंटर्स के अधिकारियों के साथ मिलकर नागरिकों के डेटा की सुरक्षा एवं साइबर धोखाधड़ी से निपटने के अहम मुद्दों पर चर्चा की। डिजिटल अपराधों के तेजी से बढ़ते खतरे पर जोर देते हुए प्रतिभागियों ने वित्तीय संस्थानों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिससे क्षेत्र में एक मज़बूत डिजिटल सुरक्षा ढांचा तैयार हो सके
दूसरी बैठक में राज्य सरकार के सूचना प्रौ‌द्योगिकी विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, स्थानीय प्राधिकरणों और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के अधिकारियों ने एक व्यापक डिजिटल रिपॉजिटरी बनाने की संभावना पर विचार-विमर्श किया, जो कटनी में पाए जाने वाले प्राचीन मूर्तियों और शिल्पों को संरक्षित और लोकप्रिय बना सके। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना और नवीन प्रौ‌द्योगिकी समाधानों के माध्यम से जागरूकता व पर्यटन को बढ़ावा देना है
समिति ने यह विशेष रूप से रेखांकित किया कि नए नवाचारों को अपनाने और मजबूत डिजिटल सुरक्षा उपायों को लागू करने के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, ताकि आधुनिकीकरण की रफ्तार में सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता न हो। कटनी में अपनी चर्चाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, आईसीटीएम समिति अपनी अध्ययन यात्रा को आगे बांधवगढ़ तक ले जाएगी, जहां वन्यजीव प्रबंधन में आईसीटी की संभावनाओं का मूल्यांकन करने के साथ-साथ बाघों के व्यवहार और उनकी आबादी पर एआई के उपयोग की संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा। इस प्रकार, समिति छोटे शहरी केंद्रों जैसे कटनी पर ध्यान केंद्रित करके प्रौ‌द्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करती है और समावेशी विकास एवं दीर्घकालिक स्थिरता के लिए एक मिसाल कायम करती है।

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