मावठे की बारिश : कहीं आफत तो कहीं राहत, केन्द्रों में रखी हजारों क्विंटल धान बारिश के पानी में भीगी, बारिश के पूर्वानुमान के बाद भी लापरवाही

कटनी, यशभारत। आज सुबह से जारी बारिश कहीं आफत तो कहीं राहत बनकर बरसी है। मावठे की बारिश से जहां गेहंू सहित अन्य फसलों को फयादा होना बताया जा रहा तो वहीं खरीदी केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे रखी हजारों क्विंटल धान बारिश के पानी भीगकर खराब होने की कगार पर पहुंच गई है। सुबह जैसे ही बारिश शुरू हुई तो कृषि उपज मंडी सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित धान खरीदी केन्द्रों में अफरा-तफरी मच गई। केन्द्र के कर्मचारी यहां-वहां त्रिपाल और बरसाती लेकर बारिश के पानी से धान को बचाते दिखे, जबकि मौसम विभाग ने पहले ही बारिश का पूर्वानुमान दिया था, इसके बाद भी केन्द्रों में बारिश से धान को बचाने के लिए पहले से इंतजाम नहीं किया गया, जिससे अन्नदाता की मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा है। 2 दिसंबर से खरीदी शुरू होने के बाद धान के उठाव और परिवहन की धीमी रफ्तार की वजह से केन्द्रों में हजारों क्विंटल धान खुले आसमान में रखी हुई थी। गौरतलब है कि राज्य सरकार के निर्देश पर समर्थन मूल्य पर विगत 2 दिसंबर से धान का उपार्जन शुरू हुआ है। जिले मेंं धान की खरीदी के लिए 89 केन्द्र बनाए गए हैं, जहां से किसानों से धान का उपार्जन किया जा रहा है। केन्द्रों में धान का अंबार लगा होने के बाद भी उठाव नहीं किया गया। परिवहन की धीमी रफ्तार होने की वजह से आज सुबह से शुरू हुई बारिश की वजह से हजारों क्विंटल धान भीग गई। कई केन्द्रों में तो स्थिति यह रही कि पानी भर गया और केन्द्रों के कर्मचारी पानी उलीचते नजर आए। उमरियापान संवाददाता ने बताया कि कृषि उपज मंडी उमरियापान सहित आसपास के गांवों देवरी मंगेला, मड़ेरा, खाम्हा में बारिश की वजह से धान भीग गई है। कुछ इसी तरह के हालात बड़वारा, बरही, विजयराघवगढ़ के रहे। यहां भी बारिश की वजह से धान को नुकसान पहुंचा है।
गेहूं सहित अन्य फसलों पर बरसात अमृत जैसी
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बारिश से गेहंू की फसल को फायदा पहुंचा है। इसके अलावा अन्य फसलों के लिए भी यह बारिश अमृत बनकर बरसी। बारिश से किसानों के चेहरे में खुशी नजर आई। किसानों को इस बार अच्छे उत्पादन की उम्मीद है।




