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भारतीय ज्ञान परम्परा को शिक्षा के सभी स्तरों पर पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने मंथन

भारतीय ज्ञान परम्परा पर संभाग स्तरीय कार्यशाला का सागर में शुभारंभ हुआ: कई विषय विशेषज्ञों का समागम शुरू

सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सागर में भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित संभाग स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ रविंद्र भवन सभागार में किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में , जनभागीदारी अध्यक्ष मनीषा मिश्रा विशिष्ट अतिथि डॉ राकेश ढांड व आनंद सिंह, ओएसडी डॉ धीरेंद्र शुक्ला, एडी डॉ जीपी चौधरी, डॉ नीरज दुबे, नोडल कॉलेज प्राचार्य डॉ गोपा जैन व एक्सीलेंस कॉलेज प्राचार्य डॉ आनद तिवारी मंचासीन रहे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित किए गए। छात्राओं ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। स्वागत उद्बोधन ऑटोनॉमस कॉलेज के प्राचार्य डॉ आनंद तिवारी ने दिया। संचालन डॉ अंजना चतुर्वेदी ने किया।

उद्घाटन सत्र में आमंत्रित अतिथियों द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा को उच्च शिक्षा में प्रतिस्थापित करने पर चर्चा शुरू की गई है। कार्यशाला में भारतीय ज्ञान परम्परा को शिक्षा के सभी स्तरों पर पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने पर भी विमर्श प्रारंभ किया गया है। द्वितीय सत्र में विभिन्न 24 विषयों के पाठ्यक्रमों में ज्ञान परम्परा को समावेश करने को लेकर चर्चा की जाएगी जिसके निष्कर्ष राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को भेजे जाएंगे।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाजसेवी विनय मिश्रा, विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ संदीप सबलोक, बांदरी प्राचार्य डॉ प्रमेश गौतम, टीकमगढ़ प्राचार्य डॉ श्रीमती प्रवीण झाम, पूर्व प्राचार्य डॉ एस एम पचौरी व डॉ संजीव दुबे, डॉ रेणुबाला शर्मा, डॉ सुनीता त्रिपाठी, डॉ ज्योति मार्टिन, समेत संभाग भर के महाविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ, प्रतिभागी व विद्वान शामिल हुए हैं।

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