कटनीमध्य प्रदेश

भाजपा संगठन चुनाव : कुछ मंडलों में फंसा पेंच, देर रात तक चली माथापच्ची, कुछ देर पहले सर्किट हाउस पहुंचकर हरिशंकर खटीक से मिले माधवनगर के भाजपा कार्यकर्ता

विवादित मंडलों को होल्ड कर बाकी सूची आज हो सकती जारी, जिलाध्यक्ष के लिए नए समीकरण, पर्दे के पीछे वीडी शर्मा सक्रिय, पसंद के नाम के लिए साध रहे विधायकों को

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कटनी। बीतते साल में भाजपा के संगठन चुनाव कटनी जिले के नेताओं के बीच तल्खियां बढ़ाकर पूरे होंगे। पार्टी के मंडल अध्यक्षों की सूची अब तक जारी हो जाना थी, लेकिन जिले के कुछ मंडलों में पेंच फंसने से यहां की घोषणा होल्ड की जा सकती है। कड़ाके की सर्दी के बावजूद जिला भाजपा कार्यालय में कल 2 बजे रात तक कुछ मंडलों को लेकर माथापच्ची चलती रही। चुनाव प्रभारी हरिशंकर खटीक भी स्थानीय नेताओं के साथ कवायद करते रहे। दरअसल जिन मंडलों में विवाद हो रहा है वहां क्षेत्रीय स्तर पर सामने आए नाम जिला संगठन के मौजूदा पावर सेंटर को रास नहीं आ रहे, इसलिए सूची को कल रात तक फाइनल नहीं किया जा सका। खबर है कि आज फिर से उन मंडलों पर चर्चा होगी जिनमें पेंच फंसा है। संभव है कुछ मंडलों को रोककर बाकी सूची आज रात या कल तक जारी हो जाए। इस बीच माधवनगर मंडल में सिंधी समाज के नेता को मंडल अध्यक्ष बनाने पर तुले कार्यकर्ताओं ने अब से कुछ देर पहले सर्किट हाउस पहुंचकर चुनाव प्रभारी हरिशंकर खटीक से मुलाकात की। आक्रोश के बीच कुछ नारेबाजी भी सुनाई दी।

पार्टी को 15 दिसंबर यानी कल तक मंडलों की घोषणा कर लेना है, इसके बाद 16 से जिलाध्यक्ष के लिए कवायद शुरू हो जाएगी। कटनी जिले के 26 मंडलों में मंडल अध्यक्ष के नाम तय करने में जैसी राजनीतिक परिस्थितियां सामने आई, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि सारा कुछ वर्तमान में पावरफुल बने लोगों के इर्द गिर्द ही रहने वाला है। शायद ही इन स्थितियों में कोई बदलाव हो। इस गुट से हटकर कोई जिलाध्यक्ष बन पाएगा, इसकी संभावना कम है। सूत्र बताते हैं कि वीडी शर्मा इसके लिए खुद ही पूरी फील्डिंग जमा चुके हैं। वर्तमान जिलाध्यक्ष को लेकर विधायकों में जो नाराजगी थी, उसे भी वीडी शर्मा अपने स्तर पर दूर करने की कोशिश कर रहे है। सूत्रों का दावा है कि जिलाध्यक्ष रिपीट ही होगा। अगर कोई बड़ी मजबूरी रही तो इसी खेमे का दूसरा नाम सोच लिया गया है। विधायकों के साथ भी समस्या यह है कि उनके पास कोई सर्वसम्मत नाम नहीं है, जिस पर सभी सहमत हो जाएं। एक नाम पर तीन विधायकों में रजामंदी की कोशिश हुई जरूर लेकिन यह परवान इसलिए नहीं चढ़ पाई, क्योंकि वर्तमान जिलाध्यक्ष की ओर से वीडी शर्मा खुद विधायकों को साधने में लग गए। इसलिए विधायकों ने अपनी पसंद के नाम को सामने लाने से कदम पीछे खींच लिए।

विधायकों को फोकस मंडलों तक

सूत्र बताते हैं कि विधायकों ने सारी जमावट अपने विधानसभा क्षेत्र और अगले चुनाव को ध्यान में रखकर की है, इसलिए जिलाध्यक्ष के लिए पेंच फंसाने की बजाय विधायक अपनी पसंद के मंडल अध्यक्ष चाह रहे है। विधायकों ने चुनाव के कार्य को अंजाम दे रहे प्रभारियों को भी अपनी पसंद से अवगत करा दिया। हालांकि मंडलों में पर्यवेक्षकों को भेजकर रायशुमारी का पूरा दिखावा किया गया, लेकिन सब जानते हैं कि अंत में सबकुछ जिले से ही तय होगा और विधायकों की पसंद इसमें मायने रखेगी। सूत्र बताते हैं कि कुछ मंडलों में उपयुक्त नाम नहीं मिलने से मामला अटका है। कुछ पुराने मंडल अध्यक्षों ने अरुचि दिखा दी है तो कुछ को जिले का मौजूदा नेतृत्व बदलना चाहता है। कल देर रात तक इसको लेकर माथापच्ची जारी रही। माधवनगर मंडल में जाति का पेंच फंस गया तो मुड़वारा को लेकर सहमति नहीं बन पा रही। बड़वारा और बहोरीबंद के कुछ मंडलों में भी विवाद की खबर है। सूत्र बताते हैं कि आज दोपहर तक नाम फाइनल कर प्रदेश कार्यालय को भेज दिए जाएंगे। कुछ मंडलों को रोककर बाकी की घोषणा हो जाएगी।

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