भोपालमध्य प्रदेश

बुढ़ापे में बेसहारा:दुबई रिटर्न बेटे ने बुजुर्ग पिता को घर से निकाला, अब हर महीने देने होंगे 10 हजार

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घर में बेटे के जन्म लेने पर मां-बाप खुशियां मनाते हैं। लाड-प्यार से उसका पालन-पोषण करते हैं ताकि बड़ा होने पर वह उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा। लेकिन अफसोस की बात है कि बेटे बड़ा होने के बाद बुजुर्ग बाप का सहारा तो नहीं बना लेकिन बोझ समझकर उसे घर से निकाल दिया। मजबूर बाप अब अपनी बेटियों के यहां रह रहा हैं।

यह कहानी दुबई में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वाले एक बेटे की हैं। जिसने मां के गुजर जाने के बाद बुजुर्ग पिता को घर से निकाल दिया। इसकी वजह बेटे ने सात साल पहले मां से पिता का तलाक होना बताया है। प्रॉपर्टी मां के नाम पर दर्ज है, इसलिए पिता को घर से बेदखल कर दिया। बुजुर्ग पिता ने बैरागढ़ एसडीएम मनोज उपाध्याय के यहां शिकायत दर्ज कराई। भरण पोषण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर सुनवाई शुरू की। एसडीएम कोर्ट ने अब बेटे को आदेश दिया है कि बुजुर्ग बाप को वह भरण-पोषण की खातिर 10 हजार रुपए हर महीने देगा।

आखिर, बेटियों ने दिया पिता को सहारा..
एसडीएम उपाध्याय ने बताया कि कोहेफिजा निवासी 75 साल के बुजुर्ग सैयद फरीद ने भरण पोषण अधिनियम के तहत आवेदन पेश किया था। उन्होंने सुनवाई के दौरान बताया था कि उनकी पत्नी तलत फरीद थी। उन्होंने ये मकान पत्नी के नाम से खरीदा था। लंबे समय तक दोनों साथ रहे। कुछ समय पहले पत्नी का निधन हो गया। कुछ समय पहले बेटा जफीर उल्ला दुबई से भोपाल लौटा। यहां आते ही उसने मुझे घर से निकाल दिया। उसके सामने मिन्नतें की। लेकिन वो नहीं पसीजा। आखिरकार इंसाफ के लिए मैंने बैरागढ़ एसडीएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बेटे जफीर ने एसडीएम के यहां लिखित में बताया कि पिता ने मां को शहरयार खान, अमजद खान की उपस्थिति में तलाक दे दिया था। ऐसे में इस मकान पर पिता का कोई हक नहीं बनता है। वहीं, बुजुर्ग का कहना है कि उनका तलाक नहीं हुआ था।

बेटा मकान बेचना चाहता है..अब किराएदारी की राशि भी हड़प लेता है
बुजुर्ग ने बताया कि जिस मकान से बेटे ने उनको बेदखल किया था। उसमें किराएदार रहते हैं, इससे 21 हजार रुपए मिलते थे, उससे अपना खर्च चलाता था। लेकिन अब ये रुपए बेटा खुद अपने पास रखता है। बेटा मकान बेचना चाहता है, जबकि बेटे को दुबई में एक लाख रुपए महीने की सैलरी मिल रही है। बेटे ने जब से घर से बेदखल किया है, तब से बेटियों के यहां पर रह रहा हूं।

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