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बिरसा मुंडा जयंती पर कांग्रेस ने दिखाई ताकत: एक ही मंच पर भाजपा के खिलाफ गरजे कमलनाथ-दिग्विजय सिंह ने कहा बीजेपी को आदिवासियों से सरोकार नहीं

जबलपुर, यशभारत। आदिवासियों के जननायक बिरसा मुुंडा जयंती पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में कांग्रेस पार्टी ने आदिवासी जनजातीय कार्यक्रम अयोजित किया। कार्यक्रम में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। कार्यक्रम के मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि सिर्फ दिखावे के कार्यक्रम भाजपा करती है। आदिवासियों की चिंता सरकार को नहीं है। आदिवासियों को गुमराह करने के लिए भाजपा को बिरसा मुंडा की याद आई और भोपाल में आदिवासी विभाग के फंड से इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा है। कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं ने कहा कि बिरसा मुंडा की पहली प्रतिमा प्रदेश में जबलपुर में है, इस कारण कांग्रेस यहां आदिवासी सम्मेलन कर रही है। इससे पहले शंकरशाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर 18 सितंबर को कार्यक्रम किया गया था। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा, कांतिलाल भूरिया, सुनीता पटेल गाडरवारा, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे, भूपेंद्र मरावी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, विधायक तरूण भनोत, लखन घनघोरिया, विनय सक्सेना, नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव सहित अन्य कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

आदिवासी सम्मेलन के नाम पर बीजेपी दिखावा कर रही
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीजेपी की तरफ से आदिवासी सम्मेलन के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। 17 साल में बिरसा मुंडा कभी याद नहीं आए। उन्हें पता है कि एमपी में जो आदिवासी हित की बात करेगा, वहीं प्रदेश में राज करेगा। वर्ष 2003, 2008, 2013 में आदिवासी वोटरों के दम पर ही बीजेपी सत्ता में आई। पर अब उनका छल-प्रपंच और नहीं चलने वाला है। आदिवासी समाज जान गया है कि नाखून कटाकर शहीदों में नाम जुड़वाने वाली ये पार्टी है। प्रदेश में 47 सीटें ट्राइबल के लिए सुरक्षित हैं। 87 आदिवासी ब्लॉक हैं। यहां का पलायन देख लीजिए, प्रताडऩा देख लीजिए। राजा शंकरशाह व रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर 18 सितंबर को कई घोषणाएं की गई। हम इंतजार कर रहे हैं इनके शुरू होने का। हम तो ओपन डिबेट का चैलेंज देते हैं। बीजेपी आदिवासी हित के लिए चलाई गई योजनाएं बताए, हम उसकी खामियां बताएंगे।

 

 

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