फर्जी हस्ताक्षर कर 50 लाख का गबन, उप डाकपाल ने निकासी फार्म भरकर खाते से निकाली राशि, 16 महीने से फरार आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

कटनी/पन्ना, यशभारत। 16 महीने से फरार धोखाधड़ी के आरोपी को गिरफ्तार करने में पन्ना जिले की पुलिस को सफलता मिली है। आरोपी ने रैपुरा उप डाकघर में पदस्थापना के दौरान खाता धारकों के नाम से जाली निकासी फार्म भरकर फर्जी हस्ताक्षर करके 37 लाख 12 हजार 170 रुपये की राशि निकाल ली थी। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद फरार आरोपी को गिरफ्तार किया है। सहायक अधीक्षक डाकघर पन्ना उप संभाग ने रैपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 23 नवंबर 2020 से 18 फरवरी 2022 तक की अवधि में उप डाकघर रैपुरा में उप डाकपाल के पद पर पदस्थ शिवपाल सिंह द्वारा 50 लाख 6 हजार 170 रुपये की राशि का गबन किया है। फरियादी की शिकायत पर आरोपी के विरुद्ध धारा 420, 409 कायम किया जाकर विवेचना में लिया गया था। मामले मे पुलिस अधीक्षक साईं कृष्ण एस थोटा ने आरोपी की पतारसी एवं गिरफ्तारी के लिए निर्देशित किया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती वंदना चौहान एवं एसडीओपी पवई राजेन्द्र मोहन दुबे के मार्गदर्शन व रैपुरा थाना प्रभारी संतोष सिंह यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम द्वारा मामले के आरोपी की लगातार तलाश की गई। जिसके फलस्वरूप मुखबिर सूचना एवं सायबर सेल की मदद से पुलिस टीम ने आरोपी को यात्री प्रतीक्षालय चंगेरी तिराहा चौकी हरदुआ सिमरिया से गिरफ्तार किया।
आरोपी से पूछताछ में कबूला जुर्म
पुलिस टीम ने आरोपी से घटना के सम्बंध में पूछताछ की। जिस पर उसने बताया कि रैपुरा उपडाकघर में पदस्थापना के दौरान खाता धारकों के नाम से जाली निकासी फार्म भरकर खाताधारक के फर्जी हस्ताक्षर करके एवं इनीशियल हस्ताक्षर स्वयं के बनाकर कई खाता धारकों के विभिन्न खातों से 37 लाख 12 हजार 170 रुपये की राशि की निकासी की गई। जो ब्याज सहित 50 लाख 6 हजार 107 रुपये है। राशि अपने उपभोग में खर्च कर दी है। मामले में पुलिस टीम द्वारा आरोपी के कब्जे से 20 हजार रुपये जप्त कर आरोपी शिवपाल सिंह निवासी ग्राम छेवला को माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल वारण्ट प्राप्त होने पर आरोपी को जेल दाखिल किया गया।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
आरोपी को गिरफ्तार करने में रैपुरा थाना प्रभारी संतोष सिंह यादव, एएसआई यशवंत सिंह, प्रधान आरक्षक नीरज बागरी, आरक्षक राजेश पटेल, राहुल पटेल, आलोक सिंह, महिला आरक्षक भारती सिंह एवं सायबर सेल टीम का सराहनीय योगदान रहा।कटनी/पन्ना, यशभारत। 16 महीने से फरार धोखाधड़ी के आरोपी को गिरफ्तार करने में पन्ना जिले की पुलिस को सफलता मिली है। आरोपी ने रैपुरा उप डाकघर में पदस्थापना के दौरान खाता धारकों के नाम से जाली निकासी फार्म भरकर फर्जी हस्ताक्षर करके 37 लाख 12 हजार 170 रुपये की राशि निकाल ली थी। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद फरार आरोपी को गिरफ्तार किया है। सहायक अधीक्षक डाकघर पन्ना उप संभाग ने रैपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 23 नवंबर 2020 से 18 फरवरी 2022 तक की अवधि में उप डाकघर रैपुरा में उप डाकपाल के पद पर पदस्थ शिवपाल सिंह द्वारा 50 लाख 6 हजार 170 रुपये की राशि का गबन किया है। फरियादी की शिकायत पर आरोपी के विरुद्ध धारा 420, 409 कायम किया जाकर विवेचना में लिया गया था। मामले मे पुलिस अधीक्षक साईं कृष्ण एस थोटा ने आरोपी की पतारसी एवं गिरफ्तारी के लिए निर्देशित किया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती वंदना चौहान एवं एसडीओपी पवई राजेन्द्र मोहन दुबे के मार्गदर्शन व रैपुरा थाना प्रभारी संतोष सिंह यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम द्वारा मामले के आरोपी की लगातार तलाश की गई। जिसके फलस्वरूप मुखबिर सूचना एवं सायबर सेल की मदद से पुलिस टीम ने आरोपी को यात्री प्रतीक्षालय चंगेरी तिराहा चौकी हरदुआ सिमरिया से गिरफ्तार किया।
आरोपी से पूछताछ में कबूला जुर्म
पुलिस टीम ने आरोपी से घटना के सम्बंध में पूछताछ की। जिस पर उसने बताया कि रैपुरा उपडाकघर में पदस्थापना के दौरान खाता धारकों के नाम से जाली निकासी फार्म भरकर खाताधारक के फर्जी हस्ताक्षर करके एवं इनीशियल हस्ताक्षर स्वयं के बनाकर कई खाता धारकों के विभिन्न खातों से 37 लाख 12 हजार 170 रुपये की राशि की निकासी की गई। जो ब्याज सहित 50 लाख 6 हजार 107 रुपये है। राशि अपने उपभोग में खर्च कर दी है। मामले में पुलिस टीम द्वारा आरोपी के कब्जे से 20 हजार रुपये जप्त कर आरोपी शिवपाल सिंह निवासी ग्राम छेवला को माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल वारण्ट प्राप्त होने पर आरोपी को जेल दाखिल किया गया।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
आरोपी को गिरफ्तार करने में रैपुरा थाना प्रभारी संतोष सिंह यादव, एएसआई यशवंत सिंह, प्रधान आरक्षक नीरज बागरी, आरक्षक राजेश पटेल, राहुल पटेल, आलोक सिंह, महिला आरक्षक भारती सिंह एवं सायबर सेल टीम का सराहनीय योगदान रहा।
