नई दिल्ली। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद में अब मलाला युसूफजई के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी कूद गई हैं। प्रियंका के बयान से यह विवाद और तूल पकड़ सकता है। प्रियंका गांधी ने बुधवार को कहा कि महिलाएं बिकनी पहनें या हिजाब, यह उनकी पसंद है। इस मामले में किसी को सलाह देने का कोई अधिकार नहीं है। कर्नाटक के उडुपी कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब तेजी से फैलता जा रहा है। इसे लेकर देश-विदेश से प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्बई ने बुधवार को बैठक बुलाई है, इसमें हिजाब विवाद पर विचार होगा। राज्य में तीन दिन के लिए स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा, च्बिकनी पहनें, घूंघट पहनें, जींस पहनें या फिर हिजाब, यह महिलाओं का अधिकार है कि वह क्या पहनें और यह अधिकार उसे भारत के संविधान से मिला है। भारत का संविधान उसे कुछ भी पहनने की गारंटी देता है। इसलिए महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करें।
मलाला ने की अपील, तालिबान ने यह कहा
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला ने महिलाओं को पढऩे से वंचित नहीं करने की अपील की है। उधर, अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान ने भी इस पर अपनी राय प्रकट की है। तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान में महिलाओं को पर्दे में रहना होगा।
भाजपा नेता रवि ने किया मलाला के बयान का विरोध
इस बीच, नोबेल विजेता मलाला युसूफजई के बयान का कर्नाटक के भाजपा नेता सीटी रवि ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने सवाल किया कि मलाला भारत के आंतरिक मामलों में कैसे बोल सकती हैं? भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय का कहना है कि कुरान का पहला शब्द है इकरा जिसका मतलब पढ़ाई है, लेकिन कर्नाटक में हम जो कुछ भी देख रहे हैं वह ज्ञान की खोज तो बिल्कुल नहीं है। यह शिक्षा को छोड़कर सब कुछ है। धर्म के नाम पर युवतियों को शिक्षा की जगह हिजाब चुनने को कहा जा रहा है।