जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

प्राथमिक शिक्षकों की पात्रता परीक्षा में स्नातक एवम बीएड डिग्रीधारियों को शामिल किए जाने को बताया असंवैधानिक :याचिका दाखिल

मध्यप्रदेश में वर्ग तीन की मार्च 2022 में सम्पन्न हो चुकी है पात्रता परीक्षा रिजल्ट प्रतीक्षाधीन

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जबलपुर – मध्यप्रदेश उच्चन्यायालय जबलपुर में डीएलएड के दो छात्रों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा याचिका दाखिल दाखिल कर एनसीटीई की अधिसूचना दिनांक 28/6/18 तथा भारत सरकार का पत्र दिनांक 30/5/2018 एवम मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षको की सेवा नियम दिनांक 30 जुलाई 2018 सहित मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा जारी वर्ग तीन (प्राथमिक शिक्षक)पात्रता परीक्षा 2020 की संवैधानिकता को चुनोती दी गई । उक्त याचिका में भारत सरकार एवम मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी अधिसूचना,निर्देश तथा राज्य सरकार द्वारा राजपत्र दिनांक 30/7/2018 भारत के संविधान के अनुच्छेद 14,16 तथा 21A तथा राइट टू एजुकेशन अधिनियम के विपरीत बताया गया है ।

याचिका कर्ता का मुख्य आधार है की प्राथमिक शिक्षकों की पात्रता परीक्षा में मिनिमम तथा अधिकतम योग्यता 12 कक्षा तथा डीएलएड है निर्धारित की गई है, लेकिन भारत सरकार मानवसंसाधन मंत्रालय द्वारा दिनांक 13/5/2018 को एनसीटीई को निर्देश जारी कर स्नातक तथा बीएड डिग्रीधारियों को भी शामिल किए जाने का उल्लेख किया गया है जिसे एनसीटीई द्वारा दिनांक 18/6/18 को एक नोटिफिकेशन जारी करके सरकार की मंशानुसार लागू करते समय एक शर्त का उल्लेख किया गया की उक्त अभ्यर्थीयों को 6 माह का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा ठीक इसी प्रकार मध्यप्रदेश शासन ने भी अपने नियमो में संशोधन कर दिया गया तथा व्यापम ने 2020 की प्राथमिक शिक्षकों की पात्रता का विज्ञापन जारी कर दिया गया ।

जबकि आज दिनांक तक न तो भारत सरकार ने और न ही देश के किसी भी राज्य ने ब्रिज कोर्स क्या होगा,कैसे होगा,उसका सिलेबस क्या होगा निर्धारित ही नही किया गया है । यदि उक्त अभ्यर्थियों को पात्र घोषित करके नियुक्ति दी जाती है तो 6 वर्ष से 14 तक के बच्चे जो कक्षा 1 से 5 में अध्यन कर रहे है उनके शिक्षा के मौलिक अधिकारों का हनन होगा । ज्ञातव्य हो की छोटे बच्चों को अधपन हेतु केवल डीएलएड डिग्री धरियो को ही विशेष रुप से प्रकाशित किया जाता है । बीएड डिग्री धरियो को नही अर्थात आगामी नियुक्तियों में केवल डीएलएड डिग्री धरियो को ही नियुक्ती दी जानी चाहिए ।

याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट के लेटेस्ट जजमेंट 13/11/21 तथा सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश दिनांक 15/3/2022 का भी हबाला दिया गया है । राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश राज्य में प्राथमिक शिक्षकों के रूप केवल डीएलएड डिग्रीधारियों को ही नियुक्ति प्रदान की गई ठीक इसी प्रकार की राहत उक्त याचिका चाही गई है ।

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