प्रदेश के सभी कृषि कॉलेजों में तैयार किया जाएगा ‘ऑक्सी ग्रीन कैम्पस’
जबलपुर. छात्र पौधे गोद लेकर इसकी देखभाल का जिम्मा उठाएंगे। नए शिक्षण सत्र से इसकी शुरुआत जबलपुर सहित प्रदेश के कृषि महाविद्यालयों में की जा रही है।
4 साल तक छात्र करेंगे देखभाल
कॉलेज छात्रों को पढ़ाई पूरी होने तक 4 साल तक पौधों की देखरेख से जोड़ा जाएगा। प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्रों को पढ़ाई पूरी होने तक परिवार की तरह गोद लिए गए पौधों की देखभाल करनी होगी। इसके लिए कॉलेज का कैम्पस, हॉस्टल, ओपन स्पेस को चिह्नित किया जा रहा है। इसे अंकों के आधार पर प्रोजेक्ट वर्क के रूप में भी परिवर्तित करने पर विचार किया जा रहा है।
फ्रूट गार्डन होंगे तैयार
ऑक्सीजन जोन तैयार करने में फलदार पौधे लगाने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में फ्रूट गार्डन तैयार हो सकेगा। इससे महाविद्यालय में अतिरिक्त आय का स्त्रोत तैयार होगा। गार्डन विकसित कर लीज पर भी दिया जाएगा। कोरोना काल ने लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन का महत्व बताया है। कृषि विश्वविद्यालय ने ऑक्सी ग्रीन कैम्पस के माध्यम से ऑक्सीजन जोन तैयार करने का निर्णय किया है। महाविद्यालयों में इसका निर्माण किया जाएगा। अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. शरद तिवारी ने बताया कि कृषि महाविद्यालयों में ऑक्सी कैम्प ग्रीन जोन कैम्पस बनाने पर प्रयोग शुरू किया जा रहा है। कॉलेजों को चिह्नित कर लिया गया है। हर छात्र को पौधा लगाने का टारगेट देने के साथ ही पढ़ाई पूरी होने तक 4 साल तक उसकी देखरेख का जिम्मा भी दिया जाएगा।
इन कॉलेजों में शुरुआत
– कृषि महाविद्यालय जबलपुर
– कृषि महाविद्यालय रीवा
– कृषि अभियांत्रिकी कॉलेज जबलपुर
– कृषि महाविद्यालय टीकमगढ़
– कृषि महाविद्यालय गंजबासौदा
– कृषि महाविद्यालय वारासिवनी
– कृषि महाविद्यालय पवारखेड़ा
– उद्यानिकी महाविद्यालय छिंदवाड़ा
– कृषि महाविद्यालय रहली