जबलपुर, यशभारत। जबलपुर पुलिस ने प्रदेश की सबसे बड़ी चोरी का खुलासा करते हुए , एक बार फिर साबित कर दिया कि यदि पुलिस चाहे तो कोई बच्चे का खिलौना नहीं छीन सकती, फिर यह तो चोरी थी। बहरहाल पुलिस ने तीनों आरोपी गोपी उर्फ गुलाम मुस्तफा बेजू उर्फ बेजुद्दीन और आरिफ को दबोच लिया।
पकड़ा गया आरोपी गोपी उर्फ गुलाम मुस्तफा पेशे से तो इलेक्ट्रोनिक सामान बनाने का कारखाना चलाता था, लेकिन कोरोना के लॉकडाउन के बाद उसकी कमर टूट गयी थी। हालत यह थे कि उसकी इनोवा कार की किस्त भी आरोपी नहीं चुका पा रहा था। जिसके बाद उसने बेजू उर्फ बेजुद्दीन को अपने झांसे में लिया। तो वहीं आरिफ ने भी रेकी कर, पूरा सहयोग तो दिया, लेकिन चोरी की अखबार में खबर पढ़कर आरोपी डर गया। तो वहीं बाद में पचास ग्राम सोना देकर उसका मुंह बंद करा दिया।
पुलिस को ऐस किया गुमराह
आरोपियों ने चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद सबसे पहले चोरी का माल बरेला के अमखेरा में झाडिय़ों में छिपा दिया। ताकि किसी को शक ना हो और बाद में माल आपस में बांट भी लिया। आरोपियों को पता था कि सीसीटीव्ही फुटेज में वह पकड़े जाएंगे, जिसके बाद वह शहर की तंग गालियों में भी करीब तीन घंटे तक इनोवा दौड़ाते रहे, ताकि पुलिस को फुटेज ना मिले।
कार से ऐसे खुला राज….
पुलिस ने करीब एक सप्ताह तक बारीकी से शहर के सीसीटीव्ही फुटेज खंगाले। इतना ही नहीं शहर के सभी कबाडिय़ों से भी सख्ती के साथ पूछताछ की गई। अब पुलिस के हाथ इनोवा का नंबर लग चुका था। जिसके बाद पुलिस ने गोहलपुर के संदिग्ध युवकों को उठाया और जब सख्ती से पूछताछ की दो युवक पुलिस ने नजरें चुराते रहे। जिनकी सभी गतिविधियों की बारीकी से पड़ताल करने के बाद पुलिस ने तीसरे को भी उठा लिया और इस तरह से तीनों आरोपी दबोचे गए। इस दौरान पुलिस को यह पहले से पता था कि कार शहर में ही है। जिसके बाद ही महज 15 दिनों में चोरी की वारदात से पर्दा उठ गया।