प्रतिबंधात्मक आदेश के बाद भी जिले में बिक रहा घातक चायनीज मांझा : कलेक्टर ने लगाया है प्रतिबंध

सिवनी यश भारत:-जिला कलेक्टर ने मकर संक्रांति पर्व के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को लेकर नायलोन, चीनी और कपास के साथ लेपित मांझा (चायनीज मांझा) के निर्माण, विक्रय व भंडारण पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही सभी तहसीलदारों, थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में चायनीज मांझे पर सतत निगरानी रखते हुए कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद भी नगर समेत जिले के कई क्षेत्रों में घातक चायनीज मांझा का विक्रय हो रहा है। पूर्व में इस चायनीज मांझा के कारण हादसे हो चुके हैं। इसके बाद भी इसके विक्रय पर रोका नहीं जा रहा है।
वहीं मकर संक्रांति पर्व के नजदीक आते ही चाइनिज मांझों की मांग बढ़ गई। आसमान में चायनीज मांझा के सहारे उड़ रही पतंगे यह बता रही है कि बाजार में अब भी चायनीज मांझा की बिक्री जारी है। कुछ लोग कलेक्टर द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद इसका चोरी-छिपे विक्रय कर रहे है। देशी मांझा से सस्ता होने के कारण चाइनिज मांझा की मांग ज्यादा है। प्रशासन की ओर से केवल चायनीज मांझा के विक्रय और भंडारण पर प्रतिबंध लगाकर कार्रवाई के आदेश जारी किए गए है लेकिन अब तक इस मामले में चायनीज मांझा बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मकर संक्रांति पर होने वाली पतंगबाजी के लिए बाजार में प्रतिबंधित मांझे की बिक्री तेजी से हो रही है। नगर के लोगों ने बताया कि सामान्य मांझे की अपेक्षा चाइनीज मांझा सस्ता होता है। काटने की तेज क्षमता के कारण चाइनीज मांझे को अधिक पसंद किया जा रहा हैं। कम दाम, सूती की जगह नायलान और प्लास्टिक धागे पर चढा लोहे-कांच का बुरादा इसे ज्यादा धारदार जानलेवा बना रहा है। इसके कारण चायनीज मांझा से हादसे होने का खतरा बना हुआ है। साथ ही परिंदों के लिए भी यह जानलेवा साबित हो रहा है। बीते दिवस फैसल नामक व्यक्ति इस मांझे के कारण जख्मी हो गया था। मुख्यालय समेत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी घातक चायनीज मांझा आसानी से मिल रहा है।
उल्लंघन पर ये है सजा का प्रविधानः-
जानकारी के अनुसार चाइनीज मांझा पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बावजूद भी कई लोग इसे खरीद और बेच रहे हैं। खरीदने और बेचने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की विभन्न धारा के तहत पांच साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं सरकारी आदेश के उल्लंघन पर छह महीने तक की सजा या जुर्माना हो सकता है। इतना ही नहीं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की विभिन्न धारा के तहत 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रविधान है। इसके साथ प्रशासनिक कार्रवाई भी हो सकती है। जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा चीनी मांझा बेचते पकड़े जाने पर तुरंत गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
कोतवाली टीआई सतीश तिवारी का कहना है की नगर में चैक कराया जाएगा कि कहां-कहां चायनीज मांझा बिक रहा है। कहीं भी प्रतिबंधित मांझा बिकते मिला तो विक्रेता पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।