इंदौर/ जबलपुर। प्यार अंधा होता है अब तक सभी ने यह बात फिल्मों और सोशल मीडिया के ग्रुपों में चलने वाले मैसेजों में पढ़ी होगी। परंतु इंदौर के स्वर्णबाग कालोनी में एक युवक ने इस वाक्य को चारितार्थ कर दिया। युवक के एकतरफा प्यार की आग में 7 बेसकसूरों को अपनी जान गंवानी पड़ी। कल तक जिसे मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अग्रि हादसा माना जा रहा था वह बाद में एक सोची-समझी साजिश के तहत कांड निकला। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर पुलिस तक इस मामले को अग्नि हादसा मान रहे थे लेकिन इंदौर पुलिस कमिश्रर हरिनारायणचारी मिश्र ने पूरी सक्रियता से घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे तो यह हादसा साजिश में बदल गया। मालूम हो कि इस पूरे प्रकरण की मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कर रहे थे। सीएम लगातार पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर मामले की जानकारी ले रहे थे।
सीसीटीवी फुटेज से खुला राज
पुलिस कमिश्रर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि घटना शुक्रवार रात तीन बजे की है। 10 घंटे तक पुलिस अधिकारी और एफएसएल विशेषज्ञ आग की वजह शार्ट सर्किट मान कर जांच करते रहे, लेकिन दोपहर बाद सीसीटीवी फुटेज से घटना का राज खुल गया। कैमरों में संजय दीक्षित नामक युवक एक युवती के स्कूटर में आग लगाता दिखा। मूलत: नगरा (झांसी) निवासी संजय उर्फ शुभम का उसी मकान में मां के साथ रहने वाली युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था, लेकिन कुछ दिनों से दोनों के बीच अनबन थी।पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र के अनुसार आरोपित संजय इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद शेयर का काम करता था। छह माह पूर्व वह उसी रूम में रहता था, जिसमें ईश्वर सिंह पत्नी नीतू के साथ रह रहे थे। उसी मकान में मां के साथ रहने वाली एक युवती का संजय से प्रेम प्रसंग था। करीब छह माह पूर्व दोनों में विवाद हो गया और युवती का चंदन नगर में रहने वाले युवक से रिश्ता तय हो गया था। तीन दिन से वह इसी बात पर युवती से विवाद कर रहा था। शुक्रवार सुबह भी उनकी कहासुनी हुई और संजय ने उस पर खर्च किए रुपये मांगे। रुपये के बदले वह युवती से गड़ी भी मांग रहा था। युवती ने इन्कार कर दिया तो उसने बदला लेने की धमकी दी और रात में युवती के स्कूटर को जला कर भाग गया। पार्किंग में खड़े 14 वाहन जल कर खाक हो गए। देखते ही देखते आग ने पूरे मकान को चपेट में ले लिया।
रस्सी के सहारे युवती ने बचाई जान
पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि युवती अपनी जान रस्सी सहारे कमरे से बाहर आकर बचाई। इस युवती को रस्सी के सहारे जलती बिल्डिंग से सुरक्षित बाहर निकाल कर खजराना में रहने वाले मामा के पास भेज दिया था। युवत सुबह थाने पहुंची और उसने पुलिस के सामने संजय को पहचान लिया और कहा कि वह उसे ब्लैकमेल कर रहा था। वाट्सएप काल कर मुझसे रुपयों की मांग कर रहा था। इसके बाद युवती को क्राइम ब्रांच कार्यालय ले जाया गया। वहां पुलिस आयुक्त मिश्र ने खुद पूछताछ की। पुलिस ने संजय की तलाश में कई जगह छापे मारे। उसकी काल डिटेल के आधार पर दो युवकों को हिरासत में लिया। बाद में देर रात पुलिस ने संजय को निरंजनपुर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।