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पहरेदार नींद में : शहर में जगह जगह फैली गंदगी, बढ़ रहा बीमारियों का खतरा :  कलेक्टर के निर्देशों का नही हो रहा पालन,शहर की सुंदरता हो रही प्रभावित

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सिवनी यश भारत-जिला मुख्यालय के नगर पालिका अंतर्गत चौबीस वार्डों में नियमित साफ सफाई नहीं होने से जगह जगह गंदगी के ढेर नजर आ रहे हैं। शहर को साफ और स्वच्छ बनाने नगरपालिका स्वच्छता अभियान चला रही है। साथ ही सफाई के लिए लोगों को जागरूक करने शहर की कई दीवारों में स्लोगन लिखवाए गए हैं, लेकिन इन्ही स्लोगन लिखी दीवरों के पास कचरे के ढेर नजर आ रहे हैैं। लोगों का कहना है कि इस तरह की सफाई व्यवस्था से सिवनी स्वच्छ सर्वेक्षण में कैसे अव्वल आएगा। नगरपालिका का भारी भरकम अमला सफाई में लगा हुआ है। इसके बावजूद वार्डों में गंदगी दिखाई दे रही है।गंदगी के कारण मच्छर, मक्खी व संक्रामक बीमारियों फैलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

 

शहर की सुंदरता हो रही प्रभावित:-

शहर में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर शहर की सुंदरता को प्रभावित कर रहे हैं। गंदगी के कारण बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ गई है। शहर में बड़े मिशन स्कूल के पीछे, बीएसएनएल की बाजू से होकर जाने वाली गली, भगतसिंह और गांधी वार्ड की अलेक गलियों समेत अन्य स्थानों पर हमेशा गंदगी नजर आती है।नगर पालिका के सीएमओ और स्वच्छता प्रभारी शहर में नियमित रूप से सफाई होने का दावा तो कर रहे हैं लेकिन उनके दावों की वास्तविकता सड़क के किनारे लगे गंदगी के ढेर और खाली प्लाटों में जमा गंदगी बता रही है।

 

लेखों रुपये खर्च फिर भी गंदगी:- शहर के 24 वार्डों में सफाई के लिए 230 कर्मचारी तैनात है।इनमें आउटसोर्स के कर्मचारी भी कर्मचारी भी शामिल हैं।वहीं हर माह सफाई के नाम पर करीब तीन लाख रुपये खर्च हो रहे हैं।बड़ी संख्या में कचरा वाहन संचालित किए जा रहे हैं।इसके बाद भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गंदगी के ढेर नजर आ रहे हैं।बावजूद इसके नगर पालिका तालाब की हालत सुधारने के लिए ध्यान नहीं दे रही है।

 

कलेक्टर के निर्देश का नहीं हो रहा पालन:-

कुछ दिनों पहले कलेक्टर ने सीएमओ को कचरा वाहन के रूट की जीपीएस ट्रेकिंग करने के साथ अपशिष्ट कचरा का प्रबंधन न करने को लेकर चलानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों को पालन भी नहीं किया जा रहा है। इसके लिए कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं। इन सब के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है।

नगर पालिका परिषद के सीएमओ आरके कुर्वेती का कहना है की शहर में सफाई के लिए दो सौ से ज्यादा कर्मचारी हैं। ढाई लाख रुपये से ज्यादा का खर्च सफाई के लिए होता हैं। सफाई नहीं रखने और गंदगी फैलाने वालों पर चालानी कार्रवाई की जा रही है। शहर को स्वच्छ बनाने पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

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