गुना के फतेहगढ़ में रहने वाली महिला ने शनिवार को साड़ी का फंदा बनाकर पंखे से फांसी लगा ली। सुसाइड से पहले उसने कमरे की दीवार सुसाइड नोट में पति पर किसी दूसरी औरत से अफेयर होने का आरोप लगाया। कहा- इसका गवाह उसका बेटा भी है। मोबाइल में रिकॉर्डिंग हे।
लिखा- मुझे जीते जी मार डाला…
उमा उर्फ ज्योति अग्रवाल (42) ने लिखा- दीपक अग्रवाल से मेरी शादी को सालभर हो गया है। 11 महीने में 1 दिन भी सुखी नहीं रखा। मेरे से न ढंग से बोलते थे, न मुझसे बात करते थे। रात 12 बजे सोने आते थे। 2 मिनट बात करके ही सो जाते थे। कोटा वाली हिना ने मुझे बर्बाद करा है। मेरे आदमी से उसका संबंध है। उसने मेरा घर तोड़ दिया। उसको कहीं से कहीं तक मत छोड़ना, उसे पकड़ लो, कड़ी से कड़ी सजा दो हिना को। मेरा बेटा जिसका नाम विनोद है, उसको पूरा अधिकार मिलना चाहिए। कोई यहां नहीं रहेगा, इंदौर में रहेगा। उसकी कोटा वाली के साथ में एक-एक रिकॉर्डिंग मेरे पास है।
वह उस औरत के पास हर एक महीने में जाता था सब कुछ करके आता था। मेरे पति ने मुझसे ढंग से प्रेम से कभी नहीं बोला, ना कभी मुझे खाना खिलाया, ना कभी मेरे से ढंग से बैठकर बात की। बस घर आता था सोने के लिए। सुबह चला जाता था। इन लोगों ने मुझे जीते जी मार डाला। इन लोगों ने मुझे खूब मारा। मेरी पूरी रकम ले ली। मेरा बच्चा ही इनके खिलाफ पूरी गवाही देगा, उसको सब मालूम है, पूरी बातें हुई थीं। मेरे मोबाइल में भी सारे सबूत हैं इनके खिलाफ।
दोनों की थी दूसरी शादी
मूल रूप से कुम्भराज की रहने वाली उमा की यह दूसरी शादी थी। पहले पति से उसको 16 वर्ष का एक बेटा है। उसकी शादी 11 महीने पहले फतेहगढ़ में रहने वाले दीपक अग्रवाल से हुई थी। दीपक की भी यह दूसरी शादी थी। वह फतेहगढ़ में कीटनाशक बेचने का काम करता है। शादी के बाद कुछ दिन तक सब ठीक चलता रहा, लेकिन कुछ दिनों बाद ही दोनों में अनबन होने लगी। जिसके बाद महिला ने शनिवार सुबह अपने घर मे फांसी लगा ली। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की।
8 दिन पहले ही मायके से लौटी थी
इंदौर में रहने वाले उमा के भाई ने बताया कि शुक्रवार शाम ही उनकी बहन से बात हुई थी। उसने यही कहा था कि भैया, यहां सभी लोग बहुत परेशान कर रहे हैं। इस पर उसने उसे कहा था कि कल सुबह आकर ले जाएगा। SP से शिकायत करने चलेंगे। भाई ने बताया कि पहले भी काफी झगड़ा होता था। 4 महीने पहले झगड़ा हुआ तो जीजा, बहन को इंदौर छोड़ आया था। 8 दिन पहले ही इन्होंने वापस बुलाया था। बोले कि बच्चे के पेपर हैं, इसलिए आ जाओ। 8 दिन पहले ही वह इंदौर से फतेहगढ़ पहुंची थी।