पंज प्यारों ने शहर को दिया त्याग, समर्पण, सेवा और बलिदान का संदेश, जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल..के गगनभेदी जयघोष के साथ निकाली जा रही नगर संकीर्तन यात्रा
प्रकाश पर्व 15 नवम्बर को, गुरुद्वारे में तैयारियां

कटनी। गुरुग्रंथ साहिब के प्रति आस्था के भावों के बीच प्रकाश पर्व का उल्लास आज चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया। पंज प्यारों की अगुवाई में बरही रोड स्थित गुरुद्वारे से नगर संकीर्तन यात्रा निकाली जा रही है। पंज प्यारों ने गुरुनानक देव जी द्वारा स्थापित आदर्शों को जन जन तक पहुंचाते हुए त्याग, समर्पण, सेवा और बलिदान का संदेश दिया। 15 नवंबर को प्रकाश पर्व मनाया जाएगा, इसके लिए समूचे सिख समाज और अनुयायियों की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। आज निकली नगर संकीर्तन यात्रा के पहले कल वाहन रैली निकाली गई।
सिख समाज द्वारा बीते गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व को उत्साहपूर्वक मनाने के लिए विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। प्रकाश पर्व पर बीते 10 दिनों तक भोर में प्रभात फेरी निकाली गई। जिसमें सिख समाज के साथ गणमान्य जन भी शामिल हुए। आज निकाली गई संकीर्तन यात्रा में बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने शामिल होकर सद्भाव, समर्पण और भाईचारे का संदेश दिया। जगह जगह पंज प्यारों का पुष्प मालाओं से स्वागत किया गया। संस्थाओं द्वारा चाय, काफी और छबील का वितरण भी किया गया। 15 नवंबर को सिख समाज के द्वारा धूमधाम से गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा, इसके लिए गुरुद्वारे में तैयारियां हो चुकी है। प्रतिदिन शब्द कीर्तन का सिलसिला चल रहा है। गुरुवाणी सुनकर पूरा समाज निहाल हो रहा है। बरही रोड स्थित गुरुद्वारे से निकाली गई संकीर्तन यात्रा नगर के मुख्य मार्गों का भ्रमण करते हुए चल रही थी। संकीर्तन यात्रा के साथ गुरु ग्रंथ साहब की झांकी भी मौजूद थी। जिसे देखने के लिए धर्मप्रेमी लोग आतुर नजर आए। संकीर्तन यात्रा का धर्म प्रेमी लोगों के द्वारा जगह-जगह पर पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया गया। यात्रा में चल रहे लोगों के स्वागत सत्कार के लिए धर्म प्रेमी लोगों के द्वारा जगह-जगह पर प्रसाद वितरण के काउंटर भी लगाए गए थे। नगर संकीर्तन यात्रा में तेजपाल भाटिया, गुरुचरण सिंह खुराना, पूर्व एल्डरमैन आशीष तिवारी, हरजीत सिंह खुराना, सतवीर सिंह भाटिया, जितेंद्र सिंह बाजवा, हरभजन सिंह खालसा, भूपिंदर सिंह रील, सूरज प्रकाश सिंह सहित अन्य सामाजिक जनों की मौजूदगी रही। पूरा जुलूस मार्ग..जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल…से गुंजायमान है।




