
कोरोना के संकटकाल में जैसे-तैसे लोग गुजर-बसर कर रहे हैं। ऐसे में परिवार को कोई सदस्य गंभीर बीमारी का शिकार हो जाए, तो परिवार संकट में आ जाता है। राजधानी में ऐसे ही एक दिव्यांग पिता बेटे को लेकर परेशान है। ऑटो चालक के नौ वर्षीय बेटे को ब्लड कैंसर है। बेटा एम्स भोपाल में भर्ती है। उनकी 11 साल की बेटी अपने भाई के लिए बोनमैरो डोनेट करने को तैयार है, लेकिन पैसों की कमी बाधा बन रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगाई है।
हबीबगंज नाके के पास रहने वाले राजेश कुमार एक पैर से दिव्यांग हैं। तीन महीने पहले उनके बेटे सक्षम को तकलीफ ज्यादा होने के कारण एम्स में भर्ती किया। यहां डॉक्टरों ने उसका बोनमैरो ट्रांसप्लांट कराने के लिए कहा है। इसका खर्च करीब 17 लाख रुपए बताया गया है। पिता के लिए परेशानी यह है कि ट्रांसप्लांट के लिए उन्हें दिल्ली, मुंबई जैसे दूसरे राज्यों में ट्रांसप्लांट के लिए जाना होगा। राजेश ने बताया कि बोनमैरो डोनेट के लिए ग्रुप मैचिंग टेस्ट कराना पड़ता है। यह टेस्ट कराने के लिए उनके पास 16 हजार रुपए नहीं थे। इसलिए सैंपल भेजने में देर हो गई। यदि बेटी के सैंपल मैच हुए, तो वह भाई के लिए बोनमैरो डोनेट कर सकेगी।
बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन क्या है?
डॉक्टरों के मुताबिक बोनमैरोट्रांसप्लांटेशन (बीएमटी) या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट प्रक्रिया में रोग ग्रस्त या क्षतिग्रस्त बोनमैरो की जगह स्वस्थ रक्त उत्पादक बोनमैरो को ट्रांसप्लांट किया जाता है। बड़ी हडि्डयों के अंदर मौजूद बोनमैरो जब कैंसर के सेल बनाने लगता है, तब कीमो के जरिए कैंसर बनाने वाली सेल्स को नष्ट करके उसी ग्रुप के किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति की बोनमैरोको हडि्डयों में इंजेक्ट कर दिया जाता है।