कटनीमध्य प्रदेश

नया ठेका होते ही शुरू हुई पैकारियां, शाम से लेकर रात तक चल रही महफ़िल, कहीं बस्ती के पास तो कहीं खुलेआम चल रहा गोरखधंधा

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कटनी, यशभारत। जिले में शराब का नया ठेका शुरू होने के साथ ही शहर से लेकर देहात तक अवैध रूप से पेकारियों/अहातों का संचालन एक बार फिर शुरू हो गया है। आलम यह है कि शराब ठेकेदारों द्वारा पुलिस एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मोटी कमाई के लिए शुरू किया गया है, जहां खुलेआम  सुराप्रेमियों को शाम से लेकर रात तक शराब परोसी जा रही है। शिकायतों के मुताबिक कई स्थानों पर बस्ती के आ

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सपास तो कहीं खुलेआम यह अवैध गोरखधंधा संचालित किया जा रहा है। विडम्बना इस बात की है कि पुलिस, जिला प्रशासन और आबकारी विभाग के अधिकारियों को यह सब मालूम होते हुए भी इस अवैध गोरखधंधे के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है, बल्कि पुलिस द्वारा शराब ठेकेदारों के इशारे पर अवैध रूप से बेची और बनाई जा रही शराब को जब्त किया जा रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो 378 करोड़ रुपए का महंगा ठेका लेने के बाद शराब ठेकेदार इसकी भरपाई में लग गए हैं और कतिपय पुलिस अधिकारी भी खुलेआम इसमे सहयोग करते दिख रहे हैं। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि कतिपय खाकीवर्दीधारी भी इस धंधे में पार्टनर के रूप में शामिल हैं। शहर में चल रही खबरों के मुताबिक बकायदा कई दुकानों में पुलिस कर्मचारियों के शेयर हैं, हालांकि यशभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।

378 करोड़ में हुआ है शराब ठेका

गौरतलब है कि है कटनी जिले में 1 अप्रैल 2025 से लेकर 31 मार्च 2026 तक 63 देशी विदेशी शराब दुकानों की नीलामी 378 करोड़ में हुई है। नए ठेके से जिले के आबकारी विभाग को बम्पर आय हुई है। नए वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी विभाग ने 363 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन टेंडर में विभाग को इससे कहीं ज्यादा राजस्व मिलेगा। कटनी जिले में ठेकेदारों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा का सीधा फायदा राज्य सरकार को हुआ।

शहर की ज्यादातर दुकानें एक ही ठेकेदार के पास

बताया जाता है कि शहर की प्रमुख शराब दुकानों का ठेका एक ही ठेकेदार को मिला है। टेंडर में उक्त ठेकेदार द्वारा बढ़-चढक़र बोली लगाकर इन दुकानों का ठेका हासिल किया गया है। जिससे अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि संबंधियत शराब ठेकेदार अब मनमाने दामों पर शराब की बिक्री करेगा। शिकायतों के मुताबिक कई दुकानों पर प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री भी शुरू हो गई है। जिससे सुरा प्रेमियों को अब अपना शौक पूरा करने के लिए अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं।कटनी, यशभारत। जिले में शराब का नया ठेका शुरू होने के साथ ही शहर से लेकर देहात तक अवैध रूप से पेकारियों/अहातों का संचालन एक बार फिर शुरू हो गया है। आलम यह है कि शराब ठेकेदारों द्वारा पुलिस एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मोटी कमाई के लिए शुरू किया गया है, जहां खुलेआम सुराप्रेमियों को शाम से लेकर रात तक शराब परोसी जा रही है। शिकायतों के मुताबिक कई स्थानों पर बस्ती के आसपास तो कहीं खुलेआम यह अवैध गोरखधंधा संचालित किया जा रहा है। विडम्बना इस बात की है कि पुलिस, जिला प्रशासन और आबकारी विभाग के अधिकारियों को यह सब मालूम होते हुए भी इस अवैध गोरखधंधे के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है, बल्कि पुलिस द्वारा शराब ठेकेदारों के इशारे पर अवैध रूप से बेची और बनाई जा रही शराब को जब्त किया जा रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो 378 करोड़ रुपए का महंगा ठेका लेने के बाद शराब ठेकेदार इसकी भरपाई में लग गए हैं और कतिपय पुलिस अधिकारी भी खुलेआम इसमे सहयोग करते दिख रहे हैं। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि कतिपय खाकीवर्दीधारी भी इस धंधे में पार्टनर के रूप में शामिल हैं। शहर में चल रही खबरों के मुताबिक बकायदा कई दुकानों में पुलिस कर्मचारियों के शेयर हैं, हालांकि यशभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
378 करोड़ में हुआ है शराब ठेका
गौरतलब है कि है कटनी जिले में 1 अप्रैल 2025 से लेकर 31 मार्च 2026 तक 63 देशी विदेशी शराब दुकानों की नीलामी 378 करोड़ में हुई है। नए ठेके से जिले के आबकारी विभाग को बम्पर आय हुई है। नए वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी विभाग ने 363 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन टेंडर में विभाग को इससे कहीं ज्यादा राजस्व मिलेगा। कटनी जिले में ठेकेदारों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा का सीधा फायदा राज्य सरकार को हुआ।
शहर की ज्यादातर दुकानें एक ही ठेकेदार के पास
बताया जाता है कि शहर की प्रमुख शराब दुकानों का ठेका एक ही ठेकेदार को मिला है। टेंडर में उक्त ठेकेदार द्वारा बढ़-चढक़र बोली लगाकर इन दुकानों का ठेका हासिल किया गया है। जिससे अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि संबंधियत शराब ठेकेदार अब मनमाने दामों पर शराब की बिक्री करेगा। शिकायतों के मुताबिक कई दुकानों पर प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री भी शुरू हो गई है। जिससे सुरा प्रेमियों को अब अपना शौक पूरा करने के लिए अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं।

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