नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की जांच पूरी: 28 घंटे में पुलिस ने तैयार किया 1311 पेज का चालान,190 गवाह और 100 जप्ती के साथ पेश किया

जबलपुर, यशभारत। मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की जांच जबलपुर एसआईटी ने पूरी कर ली है। इस हाईप्रोफाइल मामले में सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सहित कुल 11 आरोपी बने हैं। एसआईटी ने इस प्रकरण में लगभग 190 लोगों को गवाह बनाया है। एसआईटी इस हाईप्रोफाइल प्रकरण में 28 घंटे चालान तैयार किया जिसमें 1311 पेज का चालान,190 गवाह और 100 जप्ती के साथ आज चालान पेश कर दिया है। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक गोहलपुर अखिलेश गौर, गोहलपुर थाना प्रभारी आरके गौतम, थाना प्रभारी खमरिया निरूपा पांडे ने लगातार 28 घंटे काम कर इस मामले का चालान तैयार किया।
जबलपुर एसआईटी ने 11 लोगों को बनाया है आरोपी
एसआईटी ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में संचालक सरबजीत मोखा, उसकी पत्नी जसमीत कौर, मैनेजर सोनिया खत्री, दवाकर्मी देवेश चौरसिया, बेटा हरकण सिंह मोखा, भगवर्ती फार्मा का संचालक जबलपुर निवासी सपन जैन, उसका मित्र इंदौर में एमआर राकेश मिश्रा, फार्मा फैक्ट्री से इंजेक्शन खरीदी के सौदे में बिचौलिया रीवा निवासी सुनील मिश्रा और फार्मा कंपनी के डायरेक्टर पुनीत शाह और कौशल वोरा को आरोपी बनाया है।
ये है मामला
एक मई को गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडाफोड़ हुआ था। 6 मई की देर रात गुजरात पुलिस ने जबलपुर से सपन जैन को उठाया। सपन के खुलासे पर ओमती पुलिस ने 9 मई को सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा व देवेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। जांच आगे बढ़ी तो 9 और आरोपी बनाए गए। जांच में पता चला कि जबलपुर में कुल 500 इंजेक्शन आए थे। 465 सिटी अस्पताल में 23 व 27 अप्रैल को अम्बे ट्रांसपोर्ट के माध्यम से तो 35 इंजेक्शन सपन जैन ने रख लिए थे। सिटी अस्पताल में 171 मरीजों को कुल 209 इंजेक्शन लगाए गए थे। इसमें 9 लोगों की मौत हुई है। चार नकली इंजेक्शन साबूत जब्त हुए हैं तो 196 के लगभग टूटी शीशियां जब्त हुई हैं। भर्ती मरीजों के बयान और बिल भी एसआईटी ने चालान के साथ संलग्न किया है।