धोलाखेड़ा गांव में धेला का काम नहीं हुआः लाखों रूपए की लागत से बना मुक्तिधाम भी जर्जर

जबलपुर, यशभारत। ग्राम पंचायत विकास के लिए तमाम योजनाएं चल रही है, लाखों नहीं करोड़ों रूपए सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं। परंतु पंचायत और उनके गांव की स्थिति आज भी पुराने ढर्रें पर ही है। शहपुरा जनपद के अंतर्गत आने वाले धोलाखेड़ा गांव में शासन की योजनाएं बहुत आई परंतु काम धेला का नहीं हुआ। बीते कुछ समय पहले मुक्तिधाम बनाया गया था लेकिन वह भी जर्जर हो चुका है। हैरानी इस बात पर है कि मुक्तिधाम जर्जर हो चुका है इसकी जानकारी सरपंच-सचिव से लेकर जनपद के अधिकारियों को है परंतु किसी ने भी अपनी नजरें इस तरफ इनायत नहीं की।
घटिया तरीके से कराया गया निर्माण कार्य
प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों के विकास के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है, एवं इन योजनाओं के माध्यम से लाखों रुपए स्वीकृत कर रही जिससे ग्राम पंचायतों का विकास हो सके, लेकिन उन्हीं ग्राम पंचायतों के कर्ता-धर्ताओं द्वारा पैसे हड़पने के चक्कर में विकास के नाम पर घटिया निर्माण करा रहे हैं। जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसा मामला ग्राम पंचायत जनपद पंचायत शाहपुरा ग्राम पंचायत धरती कछार में जुड़ा हुआ गांव धोला खेड़ा में देखने को मिला है जहां पंचायत द्वारा कुछ महीनों पहले मुक्तिधाम का निर्माण कार्य कराया गया था, लेकिन पंचायत ने निर्माण काम इतना घटिया तरीके से कराया गया कि आज मुक्तिधाम पूरी तरह से जर्जर हो गया जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पंचायत में एक भी काम गुणत्तायुक्त नहीं हुआ, जांच होना चाहिए
ग्रामीणों का कहना है कि, पंचायत द्वारा लाखों रुपए की लागत से जिस श्मशान घाट का निर्माण कराया गया है वह इतना घटिया है कि उसमें न तो सीमेंट और न ही रेत का इस्तेमाल किया गया है। जिस कारण मुक्तिधाम का चबुतरा टूट गया कुछ दिन में टीनशेड भी उड़ जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में इन पांच सालों में पंचायत ने जितने भी निर्माण कार्य कराए वह बहुत ही घटिया तरीके से कराए गए गए हैं उन सभी की जांच होना चाहिए। श्मशान घाट हो या फिर गांव में बने शौचालय, या आवास सभी सरपंच और सचिव की मनमानी के चलते बने हैं और इनका निर्माण इतना घटिया है कि लोगों को इनका लाभ तक नहीं मिल पा रहा है। मुक्तिधाम निर्माण सामग्री इतनी घटिया निकली की निर्माण कार्य पूरा होने के कुछ दिनों बाद ही इस मुक्तिधाम जर्जर हो गया।