धान खरीदी गड़बड़ी के बीच खाद्य आपूर्ति अपर सचिव के सख्त निर्देश: खरीदी के दौरान क्या क्या प्रतिबंध पढ़े पूरी खबर

धान खरीदी गड़बड़ी के बीच खाद्य आपूर्ति अपर सचिव के सख्त निर्देश: खरीदी के दौरान क्या क्या प्रतिबंध पढ़े पूरी खबर
जबलपुर यश भारत। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान में से गोदामों में से पूर्ण धान जमा न होने एवं मिलर्स द्वारा उपार्जन केन्द्र से सीधे धान उठाव हेतु CSMS पोर्टल पर धान परिवहन में छोटे सीमित लोडिंग क्षमता के वाहनों का उपयोग, लंबी दूरी के गंतव्य के लिए वाहन द्वारा एक-दो दिन में कई फेरे लगाना, पोर्टल पर दर्ज वाहन अन्य राज्यों में कार्यरत पाया जाना, मिलिंग, सी.एम.आर. जमा में अनियमितता जैसी अनियमितताएँ प्रकरण प्रकाश में आई है।
उक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन एवं मिलिंग हेतु धान परिवहन के संबंध में निम्न बिन्दुओं पर जांच कराई जाए:-
1.
धान उपार्जन मात्रा अनुसार गोदाम में जमा न होना-
1.2 ई-उपार्जन पोर्टल पर उपार्जन केन्द्रवार उपार्जित एवं गोदाम में जमा धान मात्रा का विवरण उपलब्ध है, जिसके आधार पर गोदाम में धान कम जमा करने वाले उपार्जन केन्द्रों एवं कम जमा मात्रा का आंकलन किया जाए।
1.3 उपार्जित धान में से नान एफएक्यू धान के अपग्रेडेशन, एफएक्यू धान का परिवहन, बारदानों में 40 किलोग्राम धान भरती न होने पर केन्द्र पर शेष धान रहने एवं स्वीकृति पत्रक हैण्डलिंग चालान जारी न होने के कारण गोदाम में धान जमा न होने पर शेष एफएक्यू धान को गोदाम में शीघ्र जमा कराई जाए तथा स्वीकृति पत्रक हैण्डलिंग चालान जारी किए जाए।
1.4 गोदाम में धान कम मात्रा में जमा होने के कारणों की जांच कराई जाए एवं संबंधित उपार्जन समिति/परिवहनकर्ता आदि से शार्टेज मात्रा की वसूली की जाकर संबंधित किसानों को भुगतान किया जाए।
1.5 उपार्जन केन्द्रों पर धान की शार्टज मात्रा की प्रतिपूर्ति बाजार एवं अन्य माध्यमों से कदापि न कराई जाए।
2. उपार्जन केन्द्र से मिलर्स द्वारा उठाई गई धान की अफरा-तफरी करना-
2.1 उपार्जन केन्द्रों से धान परिवहन हेतु मिलर्स द्वारा उपयोग किए गए वाहन, परिवहन दिनांक एवं मात्रा की जानकारी CSMS पोर्टल पर ‘धान चालान’ विकल्प पर उपलब्ध हैं, जिससे धान परिवहन करने वाले वाहनों का विवरण प्राप्त किया जाए।
2.2 उपार्जन केन्द्र से उठाई गई धान की मात्रा, मिलर्स का विवरण, DMMPSCSC द्वारा जारी DO पत्रक में उल्लेखित है।
2.3 उपार्जन केन्द्र से उठाई गई धान परिवहन हेतु उपयोग किए गए वाहन की ट्रेकिंग एवं डाटा जिले से NHAI/राज्य के टोल नाके से प्राप्त की जाए।
2.4 जिला परिवहन अधिकारी के माध्यम से धान परिवहन में उपयोग किए गए वाहनों की श्रेणी/प्रकार और लोडिग क्षमता की जानकारी जात की जाए।
3. उक्त डाटाबेस के आधार पर गोदाम में कम जमा धान एवं मिलर्स द्वारा उपार्जन केन्द्रों से धान के उठाव परिवहन की जांच एक सप्ताह में कराई जाए एवं जांच में अनियमितता पाए जाने पर नियमानुसार तत्काल सबंधित के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए प्रतिवेदन आयुक्त बाथ को प्रेषित किया जाए।
4. धान उपार्जन एवं मिलिंग के संबंध में जिले में निम्नानुसार जांच दल गठित किया जाकर, एक सप्ताह के अंदर विस्तृत जांच कराई जाये।
1. कलेक्टर द्वारा नामांकित अपर संयुक्त डिप्टी कलेक्टर
अध्यक्ष
2. जिला आपूर्ति नियंत्रक / खाय अधिकारी
संयोजक
3. उप/ सहायक आयुक्त सहकारिता / महाप्रबंधक जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सदस्य
4. जिला प्रबंधक, म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन
सदस्य
5. जिला प्रबंधक, म.प्र. वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन
5.
सदस्य
गठित जांच दल द्वारा प्रमुख रूप से निम्न बिन्दुओं की विस्तृत जांच की जाये-
1. उपार्जित धान मात्रा।
2. धान परिवहन मात्रा।
3. धान जमा मात्रा।
4. धान कमी मात्रा।
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5. मिलर्स को भुगतान की स्थिति।
6. मिलरवार धान प्रदाय मात्रा।
7. मिलरवार धान उठाव मात्रा।
8. मिलरवार सीएमआर जमा मात्रा।
6. साथ ही यह भी आदेशित किया जाता है कि जांच के दौरान जिला प्रबंधक, म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईज कॉपोरशन द्वारा मिलर्स को धान के नये डिलेवरी ऑर्डर जारी नहीं किये जायेंगे, जांच उपरांत जो मिलर्स सही पाये जायेंगे, उन्हें ही धान के डिलेव्हरी ऑर्डर किये जायेंगे एवं सीएमआर जमा के समय चावल की गुणवत्ता परीक्षण के साथ-साथ Age Test अनिवार्य रूप से कराया जाये, ताकि पुराने चावल की रि-सायक्लिंग रोकी जा सके।
7. उक्त जांच दल द्वारा जांच की कार्यवाही एक सप्ताह में पूर्ण करना सुनिश्चित करे, साथ ही किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर जिला उपार्जन समिति कार्यवाही करे तथा यदि शासन स्तर से कार्यवाही अपेक्षित है तो तत्काल प्रतिवेदन भेजना सुनिश्चित करे।