धर्मांतरण केस: बहुत पहले पकड़ लिया जाता मौलाना उमर गौतम! भटकती रही पीड़िता मगर कमिश्नर ने नहीं सुनी
गुरुग्राम
यूपी के नोएडा में धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा होने के बाद इस मामले के तार अब कई राज्यों से जुड़ने लगे हैं। यूपी, दिल्ली के अलावा आरोपी उमर गौतम की जड़ें अब गुरुग्राम से भी जुड़ती दिख रही हैं। आरोप है कि गुरुग्राम में इस रैकेट का शिकार हुई एक पीड़िता लंबे वक्त तक पुलिस से मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन कमिश्नर ने इतने गंभीर आरोपों के बावजूद उससे मिलना तक जरूरी नहीं समझा।
गुरुग्राम जिले की एक पीड़िता ने कहा कि धर्मांतरण के ही मामले की शिकायत के लिए वो गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर से मिलने की कोशिश करती रही। पीड़िता का कहना है कि कमिश्नर से मुलाकात कर वो धर्मांतरण के इस विषय की शिकायत करना चाहती थी, लेकिन कमिश्नर ने इसे सीरियस ही नहीं लिया। कमिश्नर से पहले कभी भी महिला की मुलाकात नहीं हो सकी। महिला का कहना है कि अगर कमिश्नर गुरुग्राम इस मामले को पहले सीरियस ले पाते तो स्थितियां कुछ और होतीं।
2 मौलानाओं से पुलिस की कड़ी पूछताछ
फिलहाल यूपी एटीएस ने पूरे मामले में 2 मौलानाओं को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल बीते 2 साल से चल रहे धर्मांतरण के इस रैकेट में मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा दिया जाता था। अब तक यह रैकेट 1000 लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। पकड़े गए दोनों आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं।
1 साल के भीतर 350 का कराया धर्मांतरण
उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार खुद कह चुके हैं कि बीते एक साल के भीतर 350 लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है। धर्मांतरण के लिए लोगों को धमकाया और डराया भी गया है। पूछताछ में सामने आया लगभग 1000 लोगों की लिस्ट है जिनको प्रलोभन और पैसे देकर धर्मांतरण किया गया। एडीजी ने कहा कि इन्हें विदेशों से फंडिंग मिलती थी। देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।