
देश में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे देशद्रोह कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त फैसला दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक IPC की धारा 124-ए की री-एग्जामिन प्रोसेस पूरी नहीं हो जाती, तब तक इसके तहत कोई मामला दर्ज नहीं होगा। कोर्ट ने पहले से दर्ज मामलों में भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वहीं, इस धारा में जेल में बंद आरोपी भी जमानत के लिए अपील कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने बुधवार को 1870 में बने यानी 152 साल पुराने राजद्रोह कानून (IPC की धारा 124-ए) पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर किया। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को इस कानून के प्रावधानों पर फिर से विचार करने की अनुमति दे दी।