तीन तस्करों को तीन वर्ष की सजा:तेंदुएं की खाल के साथ स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने दबोचा था, दो साल बाद कोर्ट ने तीनों को

राज्य स्तरीय टाईगर स्ट्राईक फोर्स (STSF) द्वारा दो साल पहले तेंदुएं की खाल के साथ दबोचे गए तीन आरोपियों को कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा सुनाई है।
स्टेट टाइगर स्ट्राईक फोर्स ने दो जुलाई 2020 को छग वन विभाग से इन तस्करों के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद एक टीम गठित कर डिंडोरी भेजी गई। यहां के जगतपुर गांव में टीम ग्राहक बनकर पहुंची। झांसे में फंसे तीन वन्य तस्कर रामसिंह, शक्ति सिंह और भवानी यादव टीम से तेंदुएं की खाल का सौदा करने पहुंचे। वे एक बोरी में खाल लेकर पहुंचे थे। टीम ने तीनों को दबोच लिया।
करंट से किया था तेंदुए का शिकार
गिरफ्त में आए आरोपियों से जब्त तेंदुए की खाल का जबड़ा बंधा हुआ था। पूछताछ में रामसिंह ने बताया कि जंगली सुअर का शिकार करने करंट का तार बिछाया था। उसी में तेंदुआ फंसकर मर गया। तीनों ने उसकी खाल निकाल कर शेष हिस्से को पास के बरगद के पेड़ के नीचे दबा दिया था। टीम ने वहां खुदाई कराकर हड्डी और जबड़ा आदि भी जब्त किए थे। तीनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच विवेचना में लिया था।
तीन-तीन साल की सजा और 10-10 हजार का अर्थदंड
विवचेना के बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया। दो साल चली सुनवाई के बाद सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भारती उईके की सशक्त पैरवी पर सजा हुई। यशवंत मालवीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जबलपुर की कोर्ट ने तीनों आरोपियों रामसिंह, शक्ति सिंह और भवानी यादव को तीन-तीन साल की सजा और 10-10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।