जेल में बंद रहने के दौरान रज्जाक पर दर्ज हुए 21 मामले, 2 में कोर्ट ने किया बरी, शिफ्टिंग में सतर्क रही पुलिस, इत्मीनान से भोपाल जेल पहुंचा हाजी रज्जाक

जबलपुर। तीन दिन पहले पुलिस के कड़े पहरे में हाजी अब्दुल रज्जाक को इत्मीनान के साथ सेंट्रल जेल जबलपुर से भोपाल जेल शिफ्ट कर दिया गया है। शिफ्टिंग दौरान रज्जाक की तबियत को लेकर पुलिस ने पूरी सावधानी बरती। इस बीच एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि जेल में बंद रहने के दौरान रज्जाक पर दर्ज किए गए 21 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज करते वक्त पुलिस ने ये मामले 5 साल से लेकर 17 साल तक पुराने बताए हैं। कोर्ट ने विलंब से दर्ज किए गए मामलों को लेकर स्टेट की मंशा पर शंका जाहिर करते हुए जेल में बंद रहने के दौरान हाजी रज्जाक के खिलाफ नए मामले दर्ज करने पर पाबंदी लगा दी है।
गौरतलब है कि अब्दुल रज्जाक पर जेल में बंद रहने के दौरान पुलिस ने 21 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 2 मामलों में कोर्ट से बरी किया जा चुका है, जबकि बाकी मामलों में सुनवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने इन मामलों में सुनवाई के लिए 6 सप्ताह बाद की तिथि निश्चित की है। जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले पत्नी सुबीना बेगम ने पति के खिलाफ जबलपुर के विभिन्न थानों में लगातार दर्ज हो रहे मामलों के चलते जेल से रिहाई में आने वाली अड़चनों के मद्देनजर हाईकोर्ट की शरण ली थी। याचिका में झूठे आपराधिक केस दर्ज होने पर रोक के साथ पूर्व में दर्ज कराए गए मामलों को भी खारिज करने की मांग की है। पत्नी का साफ आरोप है कि रज्जाक पर झूठे मामले दर्ज किए जा रहे है। सूत्र बताते हैं कि एक मामले में तो माननीय न्यायाधीश धनकुमार कुरूपा की कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कह दिया कि जेल में बंद रहने के दौरान रज्जाक कोई क्राइम कैसे कर सकता है। मामले में कुछ साबित नहीं होने पर दोषमुक्त किया गया। इसी तरह धारा 307 के तहत दर्ज एक मामले में भी कोर्ट ने बरी किया है।
हज यात्रा में थे, तब कैसे कर सकते कोई क्राइम
सूत्र बताते हैं कि हाजी रज्जाक से जुड़ा एक और दिलचस्प मामला कोर्ट की संज्ञान में आया। पुलिस ने जिस मामले में एफआईआर कर डायरी कोर्ट में पेश की, उसमें पता चला कि घटना के दिन रज्जाक हज यात्रा में विदेश गए हुए थे। कोर्ट ने स्टेट की मंशा पर सवाल उठाते हुए उसे जमानत का लाभ दिया। न्यायालय से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जेल में बंद रहने के दौरान दर्ज हुए 21 मामलों को लेकर सामने आई शंकाओं को देखते हुए हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए डायरेक्शन दे दिया कि अब कोई भी नया मामला कोर्ट के संज्ञान में लाए बिना दर्ज न किया जाए। मामलों में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शंका व्यक्त करते हुए स्टेट से यह भी सवाल किया कि इतने विलंब से रज्जाक पर मामले क्यों दर्ज किए गए? रज्जाक को कैद में रखते हुए एक के बाद एक 21 एफआईआर दर्ज की गई है, इसलिए पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए नई एफआईआर पर रोक लगाई गई। जानकारी के मुताबिक अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होना।
जेल में सुकून से है रज्जाक, पुलिस ने किया शिफ्टिंग के नियम का पालन
इसके पहले ही शासन के आदेश पर रज्जाक को जबलपुर से भोपाल जेल स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक भोपाल जेल शिफ्टिंग के बाद रज्जाक पूरी तरह स्वस्थ है। शिफ्टिंग के दौरान उसने अपनी तबियत को लेकर पुलिस कर्मियों को कोई शिकायत नहीं की। शिफ्टिंग के दौरान पुलिस ने पूरी सावधानी बरती। कड़े पहरे में भोपाल ले जाते वक्त पुलिस कर्मियों ने शिफ्टिंग के नियमों का पूरा पालन किया, जिसमें यह भी ध्यान रखना होता है कि किसी भी कैदी को शारीरिक क्षति न हो और न ही उसकी तबियत पर कोई बुरा असर पड़े।
तीन साल पहले ओमती पुलिस ने किया था गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि तीन साल पहले ओमती पुलिस ने अब्दुल रज्जाक को गिरफ्तार किया था। प्रोडक्शन वारंट पर पुलिस ने जेल से हिरासत में लेने के बाद न्यायालय में पेश किया था। इस दौरान रज्जाक से लंबी पूछताछ हुई थी।
