जिले ने ओढ ली कोहरे की चादर : राहगीरों को आवागमन में भारी परेशानी

नरसिंहपुर यशभारत। शीतलहर और कोहरे से जनमानस कांप उठा है। सोमवार-मंगलवार की रात और दिनभर शीतलहर चलने से अधिकतम तापमान में गिरावट हुई। बुधवार की सुबह होते ही घना कोहरा छा गया। जिससे आवागमन में फोरव्हीलर व मोटर साइकिल चालक सहित पैदल चलने वाले राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जिले में सर्दी की सितम दिनोंदिन बढ़ रहा है। मंगलवार को ठंड में लोग ठिठुरते रहे। सूरज नहीं निकलने पूरे दिन लोगों की कंपकंपी छूटती रही। सड़कों पर पुरुष, महिलाएं गर्म कपड़ों का सहारा लेकर निकलें। दो पहिया वाहनों के सापेक्ष चौपहिया वाहनों की संख्या ज्यादा रही। सर्दी से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया। चिकित्सकों का कहना है कि बुजुर्ग, बच्चे व बीमार व्यक्ति घरों से कम निकलें। सर्दी को देखते हुए पूरी सावधानी बरते हैं। कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीना बेहाल कर रखा है। दूरस्थ ग्रामीण अंचलों सहित नगर में शीतलहर ने ऐसा कोहराम मचाया है कि आम जनजीवन प्रभावित है। पहाड़ी क्षेत्रों में तो तापमान में लगातार नीचे गिर रहा है।
कड़ाके की ठंड और कोहरे की मार
चल रही शीतलहर के साथ-साथ घना कोहरा देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार बादल छाए रहेंगे। तेज व ठंडी हवा के चलते लोग ठिठुरते रहे। शाम होते ही शीतलहर और बढ़ गई। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। शीतलहर का असर बाजार पर भी पड़ रहा है। ग्राहक कम आ रहे हैं तथा शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है। सर्दी के कारण बसों और ट्रेनों का संचालन भी बाधित हो रहा है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों को प्लेटफार्म पर ही रात काटने को मजबूर होना पड़ता है, और अपने-अपने जतन से ठंड से बचने का प्रयास कर रहे है।तेज कोहरा के चलते साफ कुछ दिखाई नही दे रहा था, मोटर साइकिल हो या कार चालक अपने अपने वाहनों के वल्व जलाकर वाहन चला रहे थे।
बुजुर्गों के लिए आफत बनी ठंड
कड़ाके की ठंड सेहत पर भारी पड़ सकती है। यदि सावधानी न बरती जाए तो यह जानलेवा भी है। चिकित्सकों का कहना है कि दिल और श्वांस के मरीजों के लिए इस तरह के मौसम में बड़ी परेशानी खड़ी हो जाती है। तेज ठंड और कोहरे में अस्थमा का अटैक पडऩे की आशंका रहती है। दिल के मरीज सुबह घूमने न जाएं। पूरे कपड़े पहनकर रखें। गुनगुने पानी का सेवन करते रहें। यदि कोई परेशानी हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। सर्द हवाओं के कारण अलसुबह ओस जम रही है, घर के बाहर खड़ी वाहनों सहित कार की छत पर ओस जम गई। नागरिक ठंड के चलते काफी हलाकान परेशान हो रहे है। वहीं ग्रामीण अंचलों में भी ग्रामीण धूप निकलने के बाद ही खेतों की ओर रूख कर रहे है। कंपकंपा देने वाली ठंड के चलते लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा। मौसम विभाग आगामी दिनों में इससे भी कम तापमान गिरने की संभावना जता रहा है। ठंड के चलते नगर पालिका ने क्षेत्र में अलाव की व्यवस्था की है। नगर पालिका द्वारा गांधी चौक, सुभाष पार्क चौक, गुलाब चौराहा, स्टेशन, बस स्टेंड सहित कई जगह आग सेंकने के लिए नागरिकों को लकड़ी की व्यवस्था करायी जा रही है जिससे लोग ठंड से बच सके। गर्म कपड़ों की दुकान पर तो भीड़ है ही इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रानिक्स सामान की दुकानों पर पर खरीदारों की भीड़ बढ़ी है। ठंड से हीटर-ब्लोअर, गीजर का बाजार गर्म हो गया है। दुकानदारों की मानें तो रूम हीटर और ब्लोअर खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या में तीन गुना तक इजाफा हुआ है। कोयला और पत्थर के कोयला की बिक्री भी बढ़ी है। कोयलों की कीमतों में प्रति किलो तो लकड़ी की कीमतों में प्रति क्विंटल तक उछाल आया है। जानकारी के अनुसार ठंड ने सांस के रोगियों की संख्या में इजाफा कर दिया है। जिला अस्पताल से लेकर प्राइवेट अस्पताल तक सर्दी, खांसी व सांस फूलने के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल में रोजाना सर्दी जनित बीमारियों के मरीज पहुंच रहे है। मौसम बदलने के साथ ही सुबह व शाम को काफी ठंड होने लगी है। मुंह व नाक के द्वारा ठंडी हवा अंदर जाने से सांस की नली में सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। ठंड के मौसम में छोटे बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है। सामान्य दिनों की तुलना में सांस के रोगियों की संख्या बढ़ रही है।
काम पर नहीं जायेंगे तो पेट कैसे भर लेंगे?
बुधवार की सुबह तेज कोहरा रहा वहीं शीतलहर के चलते ठिठुरन बनी रही, इस भारी ठंड में भी सुबह से मजदूर तबके का व्यक्ति काम पर निकल गया। सड़कों पर वह ऐसे चल रहे थे जैसे मानो उन्हें ठंड से कोई लेना-देना नही है शायद वह यही कह रहे होंगे अगर काम पर नही जायेंगे तो रात में भोजन कहा से कर लेंगे।
कोहरे में गाड़ी चलाते समय रहे सावधनियां
वर्तमान में कोहरे मौसम में ड्राईव करते समय सावधानियां बरते तो स्वयं सुरक्षित सफर करने के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। कोहरे में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो दुर्घटनाओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। ध्यान रखे यदि घना कोहरा हो तो कोहरा छंटने के बाद ही निकले और यदि निकलना आवश्यक हो तो निम्नांकित विशेष सावधानियों का पालन अवश्य करें ताकि जीवन सुरक्षित रहे। प्रयास करें कि अपने वाहन में फोग लैम्प जरूर लगवाएं। फोग लैम्प से दूर का तो नही बल्कि गाड़ी के आसपास का क्षेत्र साफ दिखाई देता है। कोहरे में गाड़ी की रफ्तार सामान्य रूप से भी कम रखें, 30 या 40 कि.मी. घंटा, क्योंकि कोहरे के कारण रोड भी कुछ गीली हो जाती है। अत: कोशिश करें कि ओवरटेक नहीं करना पढ़ें। हेड लाईट, लो बीम पर ही जलाएं और पार्किंग, फोग लीईट तथा चारों इंडिकेटर बटन ऑन रखिए ताकि आसपास के क्षेत्र की किसी भी मौजूद चीज को साफ देखा जा सके अन्यथा हाई बीम पर लाईट रिफ्लेक्शन होगा सीधे आपकी आंखों पर रोशनी पड़ेगी। परिणामस्वरूप आपकी गाड़ी दुर्घनाग्रस्त हो सकती है। आपके सामने आगे जाने वाली गाडिय़ों से सुरक्षित दूरी रखिए। यदि आपकी गाड़ी 30 किमी घंटा से जा रही है तो कम से कम 10 फीट की सुरक्षित दूरी अवश्य रखें। स्पीड के साथ सुरक्षित दूरी को दूगुनी करते जाना चाहिये। उपरोक्त बातों का ध्यान धुंध या कोहरे के समय ड्राईविंग में रखेंगे तो आप घर या अपने गंतव्य स्थान पर पूर्ण सुरक्षित रूप से पहुंच सकेंगें।