जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

जिला शिक्षा अधिकारी-जिला परियोजना समन्वयक को कलेक्टर का अल्टीमेटमः शिक्षक-कर्मचारियों को बचाया तो भारी पड़ेगा

समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर अधिकारियों को दिए निर्देश

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जबलपुर, यशभारत। कलेक्ट्रेट में आयोजित समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर डाॅ इलैयाराजा टी के तेवर सख्त नजर आए। बैठक में मुख्यतः जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। कलेक्टर ने कहा कि स्कूल और कार्यालयों से गायब रहने वाले शिक्षक-कर्मचारियों का बचाव करने वाले अधिकारियों को भारी पड़ेगा। बैठक में सीएम हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायतों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि दस्तावेजों में कमियाँ बताकर जननी सुरक्षा योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी प्रसव सहायता योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बिलंब स्वीकार नहीं किया जा सकता ।

 

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कलेक्टर ने बैठक में सीएम हेल्पलाइन की 100 दिन से अधिक समय से लंबित शिकायतों का निराकरण को प्राथनिकता देने के निर्देश दिये । उन्होंने शासकीय स्कूलों के विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित मिले शिक्षकों पर कठोर कार्यवाही करने के निर्देश देते हुये कहा कि निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को भी शीघ्र दूर किया जाये । डाॅ इलैयाराजा ने स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित मिले शिक्षकों को बाद में अवकाश स्वीकृत करने वाले प्रधानध्यापकों अथवा प्राचार्यों के खिलाफ भी कार्यवाही करने की हिदायत दी । उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक को भी स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने तथा शिक्षकों की स्कूलों में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये ।

कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक से साफ शब्दों में कहा कि लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों को दिये गये प्रत्येक कारण बताओ नोटिस को गम्भीरता से लेना होगा और कार्यवाही को लाॅजिकल अंत तक पहुँचाना होगा । शिक्षकों और कर्मचारियों को बचाने की नियत से की जाने वाली की गई कार्यवाही जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक पर भारी पड़ सकती है ।

मनरेगा के तहत बनाओ बाउंड्रीबाल

कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्र की ऐसे सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिये जहां बाउंड्रीबाल नहीं है । उन्होंने कहा कि ऐसी शालाओं में मनरेगा के तहत बाउंड्रीबाल बनाने के प्रस्ताव तैयार किये जायें । डॉ इलैयाराजा ने स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढाने प्रत्येक शनिवार को बाल सभा एवं सांस्कतिक कार्यक्रमों जैसे रचनात्मक कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश भी दिये ताकि कोविड की वजह से स्कूलों से दूर हो चुके बच्चों को स्कूल आने में रुचि बढे ।

आरटीई के तहत प्रवेश न देने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करो

कलेक्टर ने बैठक में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को एडमिशन देने में बहानेबाजी या बिलंब करने वाली निजी शालाओं पर कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये हैं । उन्होंने कहा कि एडमिशन देने में बिलंब करने वाले निजी स्कूलों पर जुर्माना लगाया जाये, इसके बाद भी यदि किसी के रवैये में सुधार नहीं आता है तो मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही के साथ-साथ उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही कार्यवाही जाये । निजी स्कूलों को फीस की प्रतिपूर्ति में बिलंब शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर कार्यवाही का कारण भी बन सकती है ।

जनप्रतिनिधियांे के पत्रों का जवाब अनिवार्य रूप से दें

बैठक में कलेक्टर ने 100 दिन एवं 300 दिन से अधिक समय से सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों की विभागवार समीक्षा भी की । उन्होंने शिकायतकर्त्ताओं की संतुष्टि के साथ इनका निराकरण करने के निर्देश दिये । डाॅ इलैयाराजा ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा । उन्होंने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की चेतावनी भी दी । कलेक्टर ने सभी विभागों के जिला अधिकारियों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, मानव अधिकार एवं अन्य सभी आयोगों से तथा जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों का समय पर और अनिवार्य रूप से जबाब देने की हिदायत भी दी । बैठक में जिला पंचायत की सीईओ डॉ सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर राजेश बाथम, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा एवं अपर कलेक्टर सुश्री विमलेश सिंह भी मौजूद थी । बैठक में

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