जबलपुर के सिद्धि विनायक अस्पताल में मरीज का गलत इलाज, मौत: मृतक की पत्नी का आरोप
एसपी को शिकायत सौंपकर अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की
जबलपुर, यशभारत। सर… मेरे पति का एक्सीडेंट हुआ था जिसे मेडिकल में भर्ती कराया गया था…मेडिकल में बेहतर इलाज हो रहा था… लेकिन सिद्धि विनायक अस्पताल के कुछ कर्मचारी मेडिकल पहुंचे और लालच दिया कि उसका पति का इलाज उनके अस्पताल में ठीक ढंग से होगा…. मैं मान गई और पति को मेडिकल से डिस्चार्ज कर सिद्धि विनायक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया…। लेकिन सिद्धि विनायक अस्पताल में बेहतर इलाज नहीं हुआ और पति की मौत हो गई। यह बात कुंडम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में रहने वाली आदिवासी बसतिया बाई ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपते हुए कही।
शिकायकर्ता पत्नी ने आरोप लगाते हुए बताया कि पति चरण सिंह का एक्सीडेन्ट 29 मई को ग्राम धनवाही में मालवाहक आटो के द्वारा हुआ था । उसके बेटे ने 108 एम्बुलेस में उसे घायल अवस्था में लाकर मैडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया था । जहाँ उसका इलाज चल रहा था । रात में सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने आकर उसे डिस्चार्ज कराकर अपने अस्पताल में एडमिट करा दिया। जहां पर पति का ठीक ढंग से इलाज नहीं हुआ, गलत इलाज कर नकली इंजेक्शन एवं इलाज में घोर लापरवाही की , जिससे उसकी मृत्यु हो गयी ।
बगैर पीएम किए बॉडी दे दी
शिकायतकर्ता महिला का कहना है कि निजी अस्पताल सिद्धि विनायक के द्वारा बिना पोस्टमार्टम किये उसकी डेडबॉडी सौंप दी गयी जबकि एक्सीडेट केस में मृतक का पोस्टमार्टम होना जरुरी रहता है । निजी अस्पताल के द्वारा घोर लापरवाही की गयी एक गरीब आदिवासी परिवार के साथ धोखा किया गया ।
कोरे कागजों में दस्ताखत कराए, पुलिस वाले ने दी धमकी
पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई शिकायत में महिला ने बताया कि सिद्धि विनायक अस्पताल के प्रबंधन कर्मचारियों ने घर आकर खाली कागजों में हस्ताक्षर कराने लगे मना करने पर कुंडम थाना में पदस्थ अधिकारी रूप सिंह कुशराम आवेदिका के घर गया एवं उन्हें डराने – धमकाते हुए कोरे कागज में उनके हस्ताक्षर करा लिए तथा उनके घर के सभी सदस्यों के आधार कार्ड मूल दस्तावेज लेकर आ गये । मांगने पर मना कर रहे है ।