जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

जबलपुर के राजा को एक बेबस पिता का थैंक्यूः बच्चे का पैर गल रहा था मेडिकल में इलाज नहीं हुआ, कलेक्टर को मैसेज भेजते हुए गरीब का शुरू इलाज

जबलपुर, यशभारत। आंखों में आंसू, गला रूंधा हुआ था, कुछ नहीं बोल पाने के बाबजूद वह आंखों से सब कुछ बोल रहा था। पास जाकर लोगों ने पूछा तो रोते हुए उसने पूरी कहानी और आपबीती बता दी। बात हो रही है रीवा के रहने वाले गणेश साकेत की। वह अपने बेटे का पैर का इलाज कराने नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल पहंुचे थे। मगर यहां की व्यवस्था देख गणेश की आंखों में आंसू के सिवा कुछ नहीं था। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह किससे अपनी पीड़ा बताए।
मोक्ष के आशीष बने सहारा जबलपुर के राजा तक पहंुचाई पीड़ा
बेसहारा गरीब अपने बेटे का इलाज कराने के लिए मेडिकल अस्पताल में यहां-वहां भटक रहा था। लेकिन इलाज मिलने की वजाए उसे भटकाया जा रहा था। मोक्ष के आशीष ठाकुर को इसकी जानकारी लगी तो वह रीवा के गणेश साकेत के पास पहंुचे और उन्होंने कलेक्टर डाॅक्टर इलैयाराजा टी को फोन नंबर पीड़ित को दिया। नंबर मिलते ही पीड़ित ने कलेक्टर को पूरी बात बताई। कलेक्टर ने भी बगैर देर किए हुए मेडिकल अस्पताल प्रबंधन को फोन लगाया और रीवा के गणेश साकेत के बच्चे को बेहतर और उच्चस्तरीय इलाज देने के निर्देश दिए।

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सिर्फ थैंक्यू कहूंगा, बहुत बड़ा एहसान रहेगा
रीवा गणेश साकेत के बच्चे को कलेक्टर फोन आने के बाद इलाज मिलना संभव हुआ तो वह अपने आंख के आंसू रोक नहीं पाया। उसका कहना था कि मैं कैसे कलेक्टर साहब का शुक्रिया अदा करूं, मुझे तो ये करना भी नहीं आता है। लेकिन फिर भी कलेक्टर साहब को अंग्रेजी में थैंक्यू कहना चाहता हूं।

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मेडिकल में तारीख पर तारीख मिल रही थी
गणेश साकेत ने बताया कि वह एक सप्ताह से मेडिकल जबलपुर में है। उसका बैग ट्रेन में चोरी हो गया था जिसमें सारे दस्तावेज थे। इसकी जानकारी मेडिकल प्रबंधन को दी लेकिन कोई भी मदद करने तैयार नहीं था। उसके बेटे राहुल को एक पैर में चोट थी जिसका इला कराने जबलपुर पहंुचे थे। लेकिन डाॅक्टर इलाज के नाम पर तारीख पर तारीख दे रहे थे।

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