जबलपुर कलेक्टर की बड़ी कार्रवाई: 35 डॉक्टर- अफसरों की पगार रोकी, 50 कर्मचारी-अधिकारियों को जारी किया शोकॉज
जबलपुर, यशभारत। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 35 डॉक्टर, अधिकारी, कर्मचार्र्यो के वेतन रोकने सहित 50 अधिकारी-कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान हुई है।
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने दस्तक अभियान के अंतर्गत पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की रूग्णता को दूर करने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं की समीक्षा करने के साथ मातृ व शिशु मृत्यु, संस्थागत प्रसव, कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी, एनआरसी में भर्ती, टीकाकरण, जन्मदर व लिंगानुपात, क्षयरोग उन्मूलन, डेंगू व मलेरिया के नियंत्रण के लिए किये गये कार्य आदि के संबंध में विस्तृत समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में प्रगति नहीं लाने तथा प्रजेंटेशन में सही-सही डाटा नहीं देने पर स्वास्थ्य अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई तथा नाराजगी व्यक्त करते हुए लगभग 50 अधिकारियों-कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के तथा वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिये। दस्तक अभियान की समीक्षा के दौरान 19 अगस्त तक की अवधि में लक्ष्य प्राप्ति में मनमाने आंकड़े प्रस्तुत करने पर कलेक्टर ने बेहद असंतोष व्यक्त किया।
इन पर हुई कार्रवाई
इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत शहरी एपीएम संदीप नामदेव को नोटिस देने के साथ ही मेडिकल आफीसर की सैलरी न निकालने के निर्देश दिये। कुपोषित बच्चों की गलत जानकारी देने पर पनागर के बीएमओ डॉ. संतोष ठाकुर व बीपीएम को नोटिस देने वहीं सिहोरा के ब्लाक मेडिकल आफिसर डॉ. राघवेन्द्र त्रिपाठी एवं ब्लॉक मेडिकल आॅफिसर कुण्डम डॉ. सोनू शर्मा का बैठक में उपस्थित न होने पर वेतन रोकने के निर्देश दिये। पीसीपीएनडीटी के अंतर्गत सोनोग्राफी सेंटरों की जांच के संबंध में तथा मीटिंग में अनुपस्थित होने पर अधीक्षक एल्गिन डॉ. आर.के. खरे को भी कारण बताओ सूचना पत्र देने कहा। शहपुरा बीपीएम राकेश त्रिपाठी द्वारा डाटा अपडेट नहीं करने तथा श्रीराम पराखे मॉनिटरिंग एण्ड एवेल्यूएशन अधिकारी को बैठक में अनुपस्थित रहने व प्रजेंटेशन में सही रिर्पोट नहीं रखने पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राकेश पहारिया को डेंगू की रिर्पोट व डेंगू से मृत्यु की जानकारी सही नहीं होने तथा डेंगू की रोकथाम समुचित रूप से नहीं करने पर उन्हें एससीएन जारी करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही करने वाले बहुत से अधिकारियों-कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिये। इनमें एनआरसी में कुपोषित बच्चों को भरती किये जाने से संबंधित गलत तथ्य प्रस्तुत करने पर मेडिकल आॅफिसर डॉ. राधा वल्लभ चौधरी भी शामिल थे। कलेक्टर ने बैठक में दस्तक अभियान एवं अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में रूचि नहीं दिखाने पर शहरी क्षेत्र के सभी यूपीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के वेतन का आहरण रोकने के निर्देश दिये। वहीं उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि यदि निजी चिकित्सालय व नर्सिंग होम्स द्वारा सरकार की योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं करते तो उन पर भी कार्यवाही करें।
कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए किल कोरोना अभियान चलाने के निर्देश देने तथा फीवर क्लीनिक में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कोरोना टेस्ट के साथ-साथ मलेरिया व डेंगू की जांच करने के निर्देश भी दिये। बैठक के दौरान जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री रिजु बाफना, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा, सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया, डॉ. एसएस दाहिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एमएल मेहरा सहित स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास के अधिकारी उपस्थित थे।