चरगवां में बेटा मूर्ति बेंचने गया था भेड़ाघाट, पिता ने मिट्टी का तेल डालकर लगा ली आग
जबलपुर, यशभारत। चरगवां के ग्राम बरगई में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मानसिक दिव्यांग अधेड़ ने मिट्टी का तेल डालकर स्वयं को आग के हवाले कर दिया। जिस समय यह घटना हुई बेटा भेड़ाघाट में मूर्ति बेंचने गया था तो वहीं माँ किसी काम से घर से बाहर गयी थी। जब बेटे ने दहलान में पड़े अपने पिता को जिंदा जलते हुए देखा तो चीख पड़ा। जिसके बाद परिजनों और मोहल्ले वालों ने किसी प्रकार ढांढस बंधाया । पुलिस ने मर्ग कायम कर, मामला जांच में लिया है।
जानकारी अनुसार ग्राम बरगई में आग से जलने से एक व्यक्ति की मृत्यु होने की सूचना पर ग्राम बरगई पहुंची पुलिस को सौरभ चड़ार 19 वर्ष निवासी ग्राम बरगई चरगवां ने बताया कि वह मूर्ति बनाने का काम करता है । जब भेड़ाघाट में मूर्ति बेचने गया था, मां श्रीमती आशा बाई एवं पिता शत्रुघन चड़ार घर पर थे।
वह मूर्ति बेंचने गया था
पीडि़त ने बताया कि उसके पिता का मानसिंक संतुलन ठीक नहीं है कुछ भी करने लगते हैं, कभी हंसिया उठाकर गर्दन में घिसने लगते थे, फ ांसी लगाने के लिये रस्सी बांध लेते थे। जिसके बाद पूरा परिवार उनको नजरों के सामने ही रखता था। लेकिन शनिवार को मां आशा बाई सामान खरीदने गईं थी, कमरे में कुप्पी में मिट्टी तेल रखा था। शाम लगभग 5 बजे पिता ने मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली। जिससे उनकी मौत हो गयी। उसके परिजनों ने ोबाइल पर सूचना दी तो वह घर आ जाए। उसके पिता शत्रुघन चड़ार 47 वर्ष दहलान में मृत अवस्था में पड़े थे। उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसके पिता की मौत आग में जलने के कारण हुई है। पुलिस ने मामले को जांच में लिया है।