भोपालमध्य प्रदेशराज्य

गहरा सकता है जलसंकट : माचागोरा बांध के गेट बंद, बांध में 35 की जरूरत, छोड़ा गया 21 एमसीएम पानी

सिवनी यश भारत:-सिवनी शहर के लोगों को एक बार फिर फिर भरी गर्मी में जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल छिंदवाड़ा में पानी की समस्या को देखते हुए छिंदवाड़ा कलेक्टर ने माचागोरा बांध से छोड़े जा रहे पानी के गेट बंद करा दिए हैं। इधर अब भी भीमगढ़ बांध का जलस्तर पर्याप्त नहीं बढ़ पाया है। ऐसे में सिवनी शहर में एक बार फिर जलसंकट गहरा सकता है।

 

सिवनी शहर में जल संकट के चलते भीमगढ़ जलाशय को भरने के लिए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के आदेश पर माचागोरा बांध से पानी छोड़ा

जा रहा था। 19 अप्रैल को लेफ्ट केनाल का गेट खोलकर पानी दिया जा रहा था। कुल 35 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी सिवनी जिले को पेयजल के लिए दिया जाना था। 17 दिन में पांच 5 मई तक 21 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी दिया। माचागोरा बांध का पानी सिवनी आने के कारण माचागोरा बांध का पानी घट रहा था। चौरई एसडीएम प्रभात मिश्रा ने बताया है कि छिंदवाड़ा इंटकवेल तक पानी कम होने के कारण और चैनल में सिल्ट जमा होने से छिंदवाड़ा नगर निगम के जम्होजी पंडा स्थित इंटेकवेल की चैनल में पानी आना बंद हो गया। इसे देखते हुए छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह के निर्देश पर सोमवार को गेट बंद कर दिए

 

एक मीटर बढ़ा बांध का जलस्तर:-

माचागोरा बांध से अब तक छोड़े गए पानी के कारण भीमगढ़ बांध का जलस्तर एक मीटर बढ़ा है। यह पानी शहर के लोगों को दो माह तक पानी देने के लिए पर्याप्त नहीं है।इधर किसान प्रतिबंध के बाद भी नहर और नदी से सिंचाई के लिए बड़ी मात्रा में पानी ले रहे हैं।इससे बांध तक पानी नहीं पहुंचने से समस्या बढ़ सकती है।इधर छिंदवाड़ा जिले के माचागोरा बांध की कुल जलसग्रहण क्षमता 577 एमसीएम है।जिसमें सिवनी को 21 एमसीएम पानी दे के बाद भी माचागोरा बांध में 199.27 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मौजूद है। डेम का कुल जलस्तर 625.75 मीटर है, वर्तमान में जलस्तर 615.41 मीटर है।

 

एक सप्ताह तक आएगा नहर में बचा पानी:-

जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार माचागोरा बांध से नहर के गेट बंद कर पानी छोडना बंद कर दिया गया है लेकिन गेट बंद करने के पहले नहर में छोड़ा गया पानी एक सप्ताह तक भीमगढ़ बांध आएगा। इस पानी का उपयोग यदि किसानों ने सिंचाई के लिए नहीं किया तो बांध का जलस्तर थोड़ा बढ़ सकता है। इसके विपरीत यदि किसान नदी, नहरों के माध्यम से पानी लेते रहे तो आने वाले दिनों में पेयजल संकट बढ़ सकता है।जिला मुख्यालय में बीते अप्रैल माह से भीषण जल संकट की स्थिति शुरू हो गई थी। इस पर माचागोरा से पानी दिया गया। माचागोरा का पानी सीधे सिवनी नपा की सुआखेड़ा में स्थित इंटेकवेल में भेजा गया, जिससे सप्लाई शुरू हो पाई थी।

 

इनका कहना है:-

माचागोरा बांध से पानी छोड़ना बंद कर दिया गया है। गेट बंद करने के पहले नहर में छोड़ा गया पानी एक सप्ताह तक भीमगढ़ बांध तक आते रहेगा। माचागोरा बांध के पानी से भीमगढ़ बांध का जल स्तर एक मीटर बढ़ा है। आधरा मीटर जलस्तर और बढ़ता तो समस्या नहीं होती।

अशोक डहेरिया,

मुख्य अभियंता, वैनगंगा कछार

इनका कहना है:-

भीमगढ बांध में माचागोरा बांध से पर्याप्त पानी आ गया है। फिर भी यदि पानी की कमी आई तो माचागोरा बांध के गेट दोबारा खुलवाकर पानी लाने का प्रयास किया जाएगा। लोगों को पानी की समस्या नहीं होने दी जाएगी।

दिनेश राय, विधायक सिवनी

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