मध्य प्रदेश

खनिज विभाग में 8 महीने से उप संचालक की पोस्टिंग नहीं, माइनिंग जिले में अधिकारी नहीं होने से रूके बड़े काम

राजस्व प्रभावित, अवैध उत्खनन की बाढ़, भंडारण की नहीं मिल पा रही अनुमति

कटनी, यशभारत। खनिज संपदा से परिपूर्ण कटनी जिला विगत 8 माह से अधिकारी विहीन है। जिले में जून महीने से उपसंचालक का पद रिक्त है, जिसके कारण जिले के खनिज उद्योग के साथ ही राजस्व की हानि हो रही हैं। अधिकारी विहीन होने की वजह से जिले में चारों तरफ अवैध उत्खनन की बाढ़ सी आ गई हैं। खनिज माफियाओं ने माधवनगर में स्थित लक्ष्मी दास रामजी फर्म की खदान खोद डाली और बेशकीमती खनिज बेच डाला है, इसमे कहीं न कहीं विभाग और पुलिस की भी मूक सहमति रही। सक्षम अधिकारी न होने से बड़ी संख्या में भंडारण से संबंधित कार्य रुके हुए है। जिले में लगभग 3 सौ से ज्यादा खदानें है, वर्तमान में 150 खदानों से ही खनन हो रहा है और लगभग 30 खदानें सिया से अनुमति नहीं मिलने की वजह से बंद पड़ी है। यही कारण है कि जिले में रोजगार का संकट भी पैदा हो गया है।
उद्योगपतियों का कहना है कि कटनी जिला सिंगरौली, सतना को मिलाकर देश का माइनिंग हब माना जाता है। खनिज संपदा में मार्बल, डोलोमाइट, मैग्नीज, शहर के आसपास की लेटराइट वाली खदानों में बेशकीमती धातु वनेडियम, लीथियम, टाइटेनियम, कोबाल्ट, ग्रेमियम, प्लेटिनम से भरा पड़ा है। कटनी के खनिज ने देश भर में सुर्खियां बटोरी है। खनिज व्यवसाय से जुड़े उद्योगपतियों ने कहा कि कटनी देश के केंद्र में स्थित होने व खनिज संपदा से परिपूर्ण होने का बहुत बड़ा एडवांटेज रखता है, यही कारण था अंग्रेजों ने भी कटनी में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, मुख्य रेल्वे जंक्शन, रेल्वे का गढ़, एनएच 7 जैसा राष्ट्रीय राज मार्ग, जैसे तमाम विकास किये पर आज उस सब एडवांटेज को पूरी तरह से नजरंदाज करते हुए कटनी को पतन के रास्ते पर धकेल जा रहा हैं। लोगो ने साफ कहा कि जनता के मूकदर्शक होने के कारण केवल जागरूक जनता वाले क्षेत्रों का विकास हो रहा है। अब उन क्षेत्रों का ही विकास होता है जिन क्षेत्रों की जनता में दम है। अब कोई सरकार खनिज एडवांटेज, ज्योग्राफिकल लोकेशन एडवांटेज ए कृषि उन्नत क्षेत्र जैसे तमाम पैरामीटर्स को नहीं देखता। अब तो उन बंजर क्षेत्र का भी विकास हो रहा है, जहां जनता की आवाज में दम है लेकिन कटनी जिला विकास और युवा रोजगार को तरस रहे है। इसका सबसे बड़ा कारण हैं कि जिले के जनप्रतिनिधियों ने कभी इस ओर ध्यान देना उचित ही नहीं समझा। यही कारण है कि जिले के अति महत्वपूर्ण खनिज विभाग में विगत जून माह में उप संचालक खनिज संतोष सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद से इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे खनिज विभाग से जुड़े कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। फिलहाल संयुक्त कलेक्टर संस्कृति शर्मा के पास इस विभाग का अतिरिक्त प्रभार है लेकिन अतिरिक्त जिम्मेदारी के कारण कार्यों पर उनकी पूरी निगरानी संभव नहीं हो पा रही है। सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व देना वाला जिला होने के बाद व खनिज जैसा प्रमुख विभाग होने के बाद भी अबतक पदस्थापना न हो पाना समझ के परे है।

सिया बोर्ड का गठन

गजट में नोटिफिकेशन के साथ गत दिनों सिया बोर्ड का गठन किया गया। जानकर बताते है कि इसके पीछे भी करोड़ों की डिमांड थी। यही कारण था सिया बोर्ड का गठन साल भर से रुका हुआ था। अब जाकर सिया बोर्ड के चेयरमैन के में शिव नारायण सिंह चौहान को मनोनीत किया गया है। बोर्ड में 7 सदस्य मनोनीत किए गए हैं। अब सिया बोर्ड की बजह से रुके कार्य जल्द गति में आएंगे।Screenshot 20250110 142225 WhatsApp2

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