जबलपुरमध्य प्रदेश

खतरे की घंटी: कुंडम और डुमना से गिद्ध हो गए गायब, जल स्रोतों की कमी से जूझ रहे वन्य जीव

 

जबलपुर, यश भारत l जबलपुर परिक्षेत्र में हाल ही में गिद्धों की गणना की गई जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि जबलपुर के कुंडम और डुमना में एक भी गिद्ध नहीं पाए गए इसका मूल कारण यह समझ आया कि यहां जल स्रोतों की कमी है ।

 

जिसके चलते जबलपुर वन मंडल के कुंडम बीट एवं डुमना बीट से गिद्धों का पलायन हो गया है। जिले के पर्यावरण संतुलन के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। यह वन विभाग के प्रयासों की भी पोल खोल रहा है। जबकि पाटन, शहपुरा और बरगी में तीन दिनों तक हुई गणना में प्रतिदिन 70 से अधिक गिद्ध मिले।

 

कुंडम वन परिक्षेत्र में गिद्धों का अच्छा खासा कुनबा हुआ करता था। वर्ष 2020-21 के दौरान यहां करीब 34 गिद्ध पाए गए थे। धीरे-धीरे गिद्घ् गायब होते गए। आज कुंडम वनपरिक्षेत्र गिद्ध विहीन हो चुका है।

 

इस मामले को लेकर रेंजर महेश चंद्र कुशवाहा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पहले मकरोनिया गांव के पास गिद्धों का कुनबा पाया जाता था मूल रूप से यहां जल स्रोतों की भारी कमी है साथ ही गिद्ध चट्टानों में निवास करते हैं जो यहां बहुतायत में नहीं है यह भी कारण है कि यहां गिद्धों ने पलायन कर लिया है। कुछ ऐसी स्थिति डुमना वन परिक्षेत्र में भी है। यहां 2 से 3 गिद्ध चिन्हित किए गए थे, जो अब पूरी तरह से गायब हो चुके हैं। वन विभाग के द्वारा हाल ही में किए गए सर्वेक्षण से सभी को हैरत में डाल दिया है।

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