जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

कोतमा  में डेढ़ करोड़ की लागत से  परशुराम भवन के निर्माण की सौगात : स्थान चयन को लेकर सुर्खियों में निर्माण कार्य

कोतमा  | नगर आगमन पर कोतमा विधानसभा हेतु 15 करोड़ रुपए की सौगात लेकर आए थे। जिसमें पूरे विधानसभा में सभी समाज के आराध्य के नाम से 1,5 करोड़ की लॉगत से 10 भवन बनने की घोषणा की गई थी। जिसके क्रियान्वन में कोतमा नगर में डेढ़ करोड़ की लागत से उन्होंने परशुराम भवन के निर्माण की सौगात दी है। जो निर्माण आगामी दिनों में प्रारम्भ होना है। मगर निर्माण के पूर्व ही परसुराम भवन राजनीति की भेंट चढ़कर गलत स्थान चयन को लेकर सुर्खियों में है।

 

दरअसल नगर में चर्चा के दौरान जब यह बात सामने आई की भगवान परशुराम भवन का निर्माण रेस्ट हाउस के पीछे होगा। तब से ब्राम्हण समाज मे अंदर ही अंदर विरोध देखा जा सकता है। भगवान परसुराम ब्राम्हण समाज के आराध्य है। और उनके लिए नगर पालिका क्षेत्र के मुख्य सड़क मार्गो से लगी 2 एकड़ की शासकीय जमीन न मिल पाना अपने आप मे चिंतनीय विषय है। वही शासकीय जमीन के चक्कर मे आबादी से दूर वीरान जगह में किसी भूमि स्वामी को हितलाभ देने के उद्देश्य परशुराम भवन के लिए जगह आबंटित करना बिल्कुल उचित नही है। जिसको लेकर ब्राम्हण समाज से प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

 

कोतमा नगर के वरिष्ठ भाजपा नेता व ब्रम्ह समाज के पूर्व अध्यक्ष ने अपना नाम न छापने के शर्त पर यह बात कही कि चूंकि हम लोग पार्टी से जुड़े है तो नेताओ को हम लोग चुनाव के समय ही याद आते है। चुनाव बाद हमे कोई पूंछता नही। यदि कोतमा नगर में परसुराम भवन बनना है तो पहले नगरपालिका को समाज की एक बैठक आहूत कर जगह के चयन की चर्चा करनी चाहिए थी। रेस्ट हाउस के पीछे परशुराम भवन के लिए वो जगह बिल्कुल उपयुक्त नही है। वहाँ परशुराम भवन वीरान पड़ा रहा जाएगा। उसके लिए बुढ़नपुर रोड, केशवाही रोड, निगवानी रोड कही भी उपयुक्त जगह देखकर उसका निर्माण हो ताकि भवन ब्राम्हण समाज के साथ साथ सभी समाज के मंगल कार्यो हेतु उपयोग हो सके।

 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजकुमार शुक्ला ने मीडिया से बात करते हुए यह बात कही कि जैसे मुख्य मार्ग में रेस्ट हाउस है, नगर पालिका है, मंगल भवन है सामुदायिक भबन है। नगर पालिका भवन है अस्पताल है ऐसे ही मुख्य मार्ग से लगी हुई भूमि में ही भगवान परशुराम भवन का निर्माण हो चाहे वो भले नगर से 2 या 3 किलोमीटर की सीमा में हो। जिससे ब्राम्हण समाज व अन्य समाज को उस भवन की उपयोगिता का लाभ मिल सके। नगर में शासकीय जमीन में अवैध प्लाटिंग चल रही है। ऐसे में नगर पालिका को यह बताने की जरूरत नही है कि नगर में कहां कहाँ शासकीय भूमि है।

 

युवा समाजसेवी प्रदीप उपाध्याय ने मीडिया से बात करते हुए यह बात कही कि मंत्री जी ने यह विशेष निधि परसुराम भवन निर्माण हेतु हमारे समाज के आराध्य के नाम पर जो यह राशि दी है। इसका दुरुपयोग ना हो परसुराम भवन ब्राम्हण बाहुल्य क्षेत्र वार्ड नम्बर 4,5,6 से जुड़े बस स्टैंड के आसपास काली मंदिर रोड, बुधानपुर रोड या केशवाही रोड के आसपास हो। जिससे सभी समाज के लोग उस भवन का उपयोग अपने बालक बालिकाओं की शादी बिवाह में कर सके जहां कम से कम राशि नगर पालिका को देय हो। और उन्होंने यह भी कहा की यह परसुराम भवन का निर्माण ऐसी जगह हो जहां से हाईवे या नगर की रोडे लगी हो। जहां बड़े आसानी से लोग उस भवन का उपयोग अपने शुभ कार्य में कर सके।

पूर्व में भी नगर पालिका द्वारा वार्ड नम्बर 10 में जिस तरह पार्क का निर्माण किया गया जिसका आज कोई उपयोग नही है। ऐसे शासकीय पैसे का दुरुपयोग न हो।

प्रदीप उपाध्याय ने यह बात कही कि परसुराम ब्राम्हण समाज के आराध्य देव है। उनके नाम से भवन जहां भी बने साफ स्वक्ष जगह देखकर बने। जो जनता की पहुंच में हो।

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