किसान खुद बनेंगे निर्यातक : जेएनकेविवि में 125 किसानों को एफपीओ की बारिकीयों से अवगत कराया

जबलपुर। किसान और कृषि को आगे बढ़ाने के लिए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)से जोडऩे के लिए वाणिज्य मंत्रालय के निर्देश पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में किसान कार्यक्रम आयोजित किया गया। किसान उत्पादक संगठन से जोडऩे के लिए जिले से 125 किसानों को कार्यक्रम में बुलाया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेएनके विवि कुलपति पीके बिसेन ने कहा कि केंद्र सरकार की परियोजना के अंतर्गत किसान उत्पादक संगठन द्वारा किसानों को उत्पादन और निर्यात के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में बरेला कुंडम, पाटन सिहोरा 125 किसान शामिल हुए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ.पीपी शर्मा, संचालक विस्तार सेवाएं जेएनकेविवि, डॉ. शरद तिवारी अधिष्ठाता कृषि विवि,एमडी धुर्वें उपसंचालक मप्र जैविक खेती विभाग, जिला प्रबंधक अपूर्व गुप्ता, प्रशांत बाघमारे, डॉ. एमए खान सहित अन्य मौजूद थे।
क्या होता है एफपीओ
एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन, किसानों का एक ऐसा समूह जो अपने क्षेत्र में फसल उत्पादन से लेकर खेती-किसानी से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियाँ भी चलाता है। एफपीओ में 100 से लेकर कई हजार किसान तक शामिल हो सकते हैं। एफपीओ के जरिये किसानों को न सिर्फं कृषि उपकरण के साथ खाद, बीज, उर्वंरक जैसे कई उत्पादों को थोक में खरीदने की छूट मिलती है बल्कि वो तैयार फसल, उसकी प्रोसेसिंग करके उत्पाद को मार्केंट में बेच भी सकते हैं। एक तरह से ये सहकारिता पर आधारित प्राइवेट कंपनियां होती हैं। देश के छोटे और सीमांत किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार भी एफपीओ को ख़ासा बढ़ावा दे रही है।