जबलपुर, यशभारत। किसानों के हितों की बात सार्वजनिक मंचों से नेता हमेशा करते हैं। भीड़ जुटाने हो या फिर वोट बैंक की बात हो किसान हमेशा याद रहते हैं, लेकिन किसान मुसीबत में रहते है तो फिर कोई नेता नजर नहीं आता है। तेंदूखेड़ा दमोह के एक किसान के साथ भी ऐसा ही हुआ है उसकी 10 एकड़ जमीन से पाॅवर ग्रिड विभाग द्वारा हाईटेंशन लाइन तान दी गई। लाइन बिछाने के पहले अधिकारियों ने किसान से वादा किया था कि उसे मुआवजा मिलेगा, लेकिन लाइन बिछे 4 साल से ज्यादा हो गए किसान को फूटी कौड़ी नहीं मिली। चार साल से किसान पावर ग्रिड विभाग जबलपुर के चक्कर काट रहा है, उसे अधिकारियों से आश्वासन मिल रहा है कि मुआवजा जल्द मिलेगा लेकिन यह कहते-कहते अधिकारियों को 4 साल हो गए।
फोन तक रिसीव नहीं कर रहे अधिकारी
तेंदूखेड़ा दमोह निवासी किसान मालक सिंह ने बताया कि हाईटेंशन लाइन खेतों के ऊपर से जब गुजर रही थी उस वक्त पाॅवर ग्रिड के अधिकारी-कर्मचारियों को जब छोटी-छोटी बात सुनाने के लिए फोन किया जाता था वह फोन उठा लेते थे लेकिन लाइन बिछने के बाद जब मुआवजा पाने के लिए अधिकारियों को फोन किया जाता है तो अब वह फोन नहीं उठा रहे हैं। कार्यालय मिलने जाओ तो अधिकारी मिलते नहीं है।
जहां गड्ढे हुए वहां फसल का एक दाना नहीं होता
किसान मालक सिंह ने बताया कि 10 एकड़ जमीन में कई जगहों पर हाई टेंशन लाइन के बड़े-बडे़ गड्ढे किए गए हैं जहां पर कई बोरा फसल होती थी लेकिन जब से गड्ढे हुए हैं वहां कोई फसल नहीं होती है। इसकी वजह से साल में लाखों रूपयों का नुकसान हो रहा है। किसान का कहना है कि फसल नहीं होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
चने की फसल पर चला दी गई गाड़ियां
किसान मालक सिंह ने आरोप लगाया कि 2016-17 में हाईटेंशन लाइन खींचने का काम शुरू किया गया उस वक्त 10 एकड़ जमीन में चने की फसल खड़ी थी जिसमें पावर ग्रिड विभाग की गाड़ियां चल रही थी जिसकी वजह से लाखों रूपयों का नुकसान हुआ है। उस वक्त पावर ग्रिड अधिकारियों ने कहा था कि 5 लाख रूपए मुआवजा दिया जाएगा लेकिन आज तक एक पैसा नहीं मिला।
इनका कहना है
कुछ किसानों को पैसा नहीं दिया गया होगा लेकिन उसकी प्रोसिस जारी है। मालक सिंह क्यों मुआवजा नहीं मिला है इसकी जानकारी ली जाएगी। किसान को जल्द से जल्द मुआवजा मिले इसके लिए अधिकारियों से बात की जाएगी।
कमलेश सिंह, उपप्रबंधक पावर ग्रिड