किन्नर हीरा बाई गुट की शिकायत एसपी सेः बधाई मांगने से रोक रहे गंुडे, कहां जाए समझ नहीं आ रहा है

जबलपुर, यशभारत। एक बार फिर क्षेत्रवाद को लेकर किन्नर गुटों में विवाद शुरू हो गया है। पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहंुचे किन्नरों ने किन्नर हाजी हीरा बाई गुट पर प्रताड़ना और मारपीट का आरोप लगाया। पीड़ित किन्नरों का कहना था कि हीरा बाई गुट के किन्नर द्वारा गंुडों से मारपीट कराई जाती है, बेवजह परेशान किया जा रहा है। धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
किन्नर गजरा बाई, प्रेरणा,सुरभि, किन्नर साक्षी सहित अन्य पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपते हुए बताया कि हाजी हीरा बाई किन्नर ग्रुप ने दूसरे ग्रुप से मिलकर हमारे साथ हाथा पाई की और मारपीट की और अपने गुण्डों से हम किन्नरों को जान से मारने की धमकी दिलवाई तो हम किन्नर लगभग 5 वर्षों तक तहसील सिहोरा गांव मझगवां में रहकर अपना जीवन व्यतीत करने लगे । फिर लगभग 9 वर्षों के बाद हम किन्नर फिर दोबारा जबलपुर वापिस आकर एक अन्य ग्रुप किन्नर कलावती और उनके चेलों के साथ उन्हीं के क्षेत्रों जो कालोनियों में वे अपना पेशा करते हैं और अपना पालन पोषण करते हैं हम सभी अपना जीवन व्यतीत करने लगे लेकिन हाजी हीरा बाई किन्नर और उनके अन्य चेले 1. किन्नर केट 2. नकली किन्नर मुन्नू 3. बाबू सलाम नकली किन्नर ये सभी लोग अपने अन्य गुण्डों का सहारा लेकर गुरू कलावती किन्नर और उनके किन्नरों और हम सभी किन्नरों को प्रताड़ित करके हमें जान से मारने की धमकी देकर हमारे गुरू कलावती के क्षेत्रों में अवैध रूप से वसूली यानि जो हम किन्नर नाज गाकर पेशा करते हैं उन्हीं क्षेत्रों कालोनियों ने अवैध रूप से कब्जा करना चाहते हैं ।
शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
किन्नर कलावती ने हम किन्नरों को दे चुकी है । जिसकी सूचना गुरु कलावती किन्नर हम सभी ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक महोदय और थाना प्रभारी हनुमानताल को एवं जनसुनवाई में लिखित तौर पर दी थी । जिस पर हाजी हाजी हीरा बाई किन्नर और उनके गुण्डों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई हीरा बाई के खिलाफ दिये गये आवेदन की काॅपी शिकायत के साथ पेश की जा रही है । जिसके कारण हाजी हीरा बाई किन्नर एवं उनके चेले अपने गुण्डों के साथ मिलकर हम किन्नरों के साथ मारपीट करने लगे जिस कारण गुरु कलावती किन्नर ने अपने उन क्षेत्रों को यानि जिन कालोनियों ने नाच गाकर शुभ कार्यों पर नेग लेकर अपना भरण पोषण करते थे यो क्षेत्र यानि कालोनियों हम किन्नरों को लिखित तौर दे दिया था और कुछ ही दिनों बाद घबराहट में कलावती किन्नर का देहांत हो गया किन्नर उन्ही क्षेत्रों में अपना भरण – पोषण करते रहे हैं ।