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एक्सिस बैंक घोटाला ब्रांच मैनेजर कैशियर और सेल्स प्रबंधक पर हुई एफआईआर : भेजे गए जेल

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मण्डला। जिला मुख्यालय स्थित एक्सिस बैंक में हुए घोटाले की जांच के बाद आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है। बैंक के प्रबंधक कैशियर एवं सेल्समैन तीनों ने मिलकर लगभग 80 लाख रुपए का चूना बैंक को लगाया है।

 

मामला तब उजागर हुआ जब बैंक ही एक कर्मचारी ने घोटाले के संबंध में एक्सेस बैंक के क्लास्टर हेड और वाइस प्रसिडेंट रवि गौतम को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद क्लास्टर हेड अचानक एक्सेस बैंक के निरीक्षण में पहुंचे और दस्तावेजों को खंगाला जहां पर बैंक की 80 लाख रूपए की रकम कम पाए जाने पर क्लस्टर हेड हैरान हो गए। जिसके बाद बैंक क्लास्टर हेड ने सिटी कोतवाली थाना में ब्रांच मैनेजर गौरव तिवारी, कैशियर विवेक श्रीवास्तव और सेल्स प्रबंधक रोहित दुबे के विरुद्ध करीब 80 लाख रुपये गबन की शिकायत दर्ज कराई गई है। कोतवाली पुलिस ने शनिवार की देर रात्रि एफआईआर दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली थाना प्रभारी शफीक खान ने बताया कि एक्सेस बैंक के क्लस्टर हेड और वाइस प्रसिडेंट रवि गौतम ने शनिवार को शिकायत दर्ज कराई है जिसमें मैनेजर गौरव तिवारी, सेल्स मैनेजर रोहित दुबे ओर कैशियर विवेक श्रीवास्तव ने 80 लाख रुपयों का घोटाला किया है जो अब सलाखों के पीछे हैं।

 

मामला तब सामने आया जब बैंक के आडिट के लिए आडिट टीम आई और ऑडिट टीम ने जांच में पाया कि 80 लाख रुपये बैंक में कम है। पड़ताल आगे बढ़ी तो पाया गया कि एक्सिस बैंक के उक्त तीन कर्मियों ने ही घोटाला किया है तब एक्सिस बैंक यूनियन के उपाध्यक्ष रवि गौतम ने कोतवाली पुलिस को मामले की शिकायत दर्ज कराई। कोतवाली पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 409, 120 बी के अंतर्गत मामला दर्ज किया है और आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है जहां से उन्हें जेल भेजा गया है। बता दें कि मण्डला में एक्सिस बैंक लंबे समय से काम कर रहा है। इस बैंक में सामान्य खाताधारकों के साथ व्यापारी और उद्योगपतियों के खाते संचालित हैं। फिलहाल बैंक में अफरा-तफरी मची है और ऑडिट टीम के द्वारा क्रमवार जांच की जा रही है। टीम के द्वारा एक-एक फाईल की जांच की जा रही है बैंक के बाहर जरूर ताला लगा है लेकिन अंदर घोटाले की खोजबीन जारी है।

 

अभी घोटाले की रकम स्पष्ट नही हो पाई है लेकिन लोन खाताधारकों से भी ठगी की गई है वहीं कई खाताधारकों के खाते से राशि गायब होने की जानकारी सामने आई है। मसला जो भी लेकिन एक्सिस बैंक जैसी प्रतिष्ठित संस्था पर घोटाले की आग दिखाई देने से खाताधारी भयभीत हो गए है अब उन्हें इस बात की चिंता है कि उनकी जमापूंजी सुरक्षित है या नही? बता दें कि एक्सिस बैंक भारत में निजी क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है। बैंक बड़े और मध्यकॉर्पोरेट, एमएसएमई, कृषि और खुदरा व्यवसायों को कवर करने वाले ग्राहक क्षेत्रों को वित्तीय सेवाओं का संपूर्ण स्पेक्ट्रम प्रदान करता है। एक्सेस बैंक एक विविध वित्तीय संस्थान है जो एक मजबूत खुदरा ग्राहक मताधिकार और डिजिटल प्लेटफॉर्म को गहरी कॉर्पोरेट बैंकिंग विशेषज्ञता और सिद्ध जोखिम प्रबंधन और पूंजी प्रबंधन क्षमताओं के साथ जोड़ता है।

 

यह संपत्ति के हिसाब से भारत का तीसरा सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से चौथा सबसे बड़ा बैंक है। यह बड़ी और मध्यम आकार की कंपनियों, एसएमई और खुदरा व्यवसायों को वित्तीय सेवाएं बेचता है। एक्सेस बैंक एक विविध वित्तीय संस्थान है जो एक मजबूत खुदरा ग्राहक मताधिकार और डिजिटल प्लेटफॉर्म को गहरी कॉर्पोरेट बैंकिंग विशेषज्ञता और सिद्ध जोखिम प्रबंधन और पूंजी प्रबंधन क्षमताओं के साथ जोड़ता है। एक्सिस बैंक बचत खाते के लिए आवश्यक न्यूनतम शेष राशि रु महानगरों और शहरी क्षेत्रों के लिए 12,000 रूपए अर्ध शहरी के लिए 5,000 रुपये जमा कराता है ग्रामीण स्थानों के लिए 2,500 है यह संपत्ति के हिसाब से भारत का तीसरा सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से चौथा सबसे बड़ा बैंक है।

 

बड़ी और मध्यम आकार की कंपनियों, एसएमई और खुदरा व्यवसायों को वित्तीय सेवाएं बेचता है। ब्याज दर की गणना दैनिक आधार पर बचत खाते में रखे गए शेष पर की जाती है लेकिन इसे तिमाही आधार पर खाते में जमा किया जाता है चौथी तिमाही के अपवाद के साथ अगली तिमाही के पहले दिन जहां ब्याज राशि होती है तिमाही के अंतिम दिन भुगतान किया गया। एक्सिस बैंक आपके वित्त और गोपनीयता की सुरक्षा और आपके विश्वास को बनाए रखने के बारे में दृढ़ है।

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