ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ ओबीसी एससी, एसटी को क्यों नही दिया जा रहा है : हाइकोर्ट

जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश हाइकोर्ट में याचिकाकर्ता एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एन्ड शोसल जस्टिस द्वारा दाखिल करके आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण अधिसूचना 2 जुलाई 2019 की संवैधनिकता को चुनोती दी गई है । चुनोती के मुख्य आधार यह है, कि उक्त पालिसी में ओबीसी एससी -एसटी को लाभ से बंचित किया गया है, जबकि संविधान में ईडब्ल्यूएस का लाभ समाज के सभी वर्गों को दिए जाने का प्रावधान 103 वें संविधान के संशोधन अनुसार, अनुच्छेद 15(6) एवं 16(6) में व्यस्था की गई है । लेकिन मध्यप्रदेश शासन ने उक्त पालिसी 2 जुलाई 2019 संविधान के संशोधन का हवाला देते हुए जारी की गई है। जिसमे ओबीसी एससी एसटी को क्लॉज 2 के अनुसार वंचित कर दिया गया है तथा फ ार्मेट में भी उल्लिखित किया गया है कि जो ओबीसी,एससी,एसटी में नही आते है केवल उन्हीं को प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा । उक्त याचिका क्रमांक 3910/2022 की प्रारंभिक सुनवाई माननीय न्यायमूर्ती सुजय पाल तथा न्यायमूर्ति द्वारकाधीश बंशल की खंडपीठ द्वारा की गई । याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा प्रथम दृष्टया पाया कि उक्त पालिसी 2 जुलाई 2019 संविधान से असंगत है तथा राज्य शासन को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया गया है । याचिका की अगली सुनवाई 1 अप्रेल 2022 को नियत की है । याचिका कर्ता की ओर से पैरवी आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, परमानंद साहू,ओमप्रकाश पटेल,प्रशांत चौरसिया,उदय कुमार,रूप सिंह ठाकुर ने पैरवी की ।