इस माह दो खगोलीय घटना:आज गणेश चतुर्थी पर गजब संयोग, पश्चिम दिशा में शुक्र चंद्रमा के नीचे लट्टू जैसा दिखाई देगा; 23 को रात-दिन बराबर होंगे
साल में दो बार दिन व रात बराबर होने की घटना इसी माह की 23 तारीख को घटेगी। इस दिन सूर्य ग्रह विषुवत रेखा पर लंबवत होगा। यानी सूर्य अभी सूर्य उत्तरी गोलार्ध में है जो 23 सितंबर के बाद दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश कर जाएगा। इसलिए 23 सितंबर को दिन व रात बराबर होते हैं। इसी तरह 21 मार्च को भी सूर्य ग्रह विषुवत रेखा पर लंबवत होता है और वह दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करता है।
इसके पहले 10 सितंबर यानी कल इस माह की एक और खगोलीय घटना घटेगी। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा और शुक्र ग्रह की युती होगी। यानी ये दोनों ग्रह सभी 9 ग्रहों में सबसे नजदीक होंगे। खगोलीय गणना के अनुसार दोनों ग्रह एक-दूसरे से 4 डिग्री (अंश) 44 मिनट (कला) कोण पर होंगे। यानी ये आपस में सबसे कम डिग्री का कोण बनाएंगे। सौरमंडल में शुक्र चंद्रमा के नीचे लट्टू जैसा दिखाई देगा।
वेधशाला प्रभारी दीपक गुप्ता ने बताया कि चूंकि यह घटना शाम के समय घटेगी और दोनों ग्रह सबसे नजदीक होंगे इसलिए पश्चिम दिशा में घर पर ही बिना टेलिस्कोप के भी देखा जा सकेगा। सूर्य व चंद्रमा के बाद सबसे चमकीला ग्रह शुक्र है, इसलिए यह खगोलीय घटना आसानी से देखी जा सकेगी।
ज्योतिषीय प्रभाव: कला प्रेमियों के लिए खास है ये दिन
चंद्रमा नवग्रहों में सबसे तेजी से चलने वाला ग्रह है। यह ढाई दिन में अपनी राशि बदल देता है। इसलिए चंद्रमा से शुक्र की युती (नजदीकी) भी ढाई दिन की होगी इसलिए इसके तात्कालिक नतीजे देखने को मिलेंगे।
चूंकि शुक्र सौंदर्य, कला व साहित्य में रूचि को दर्शाता है, इसलिए ये दिन साहित्य व कलाप्रेमियों के लिए खास हो सकता है। वे इस दिन कोई महत्वपूर्ण रचना रच सकते हैं। कलाकारों, नृत्य व संगीत के जानकारों के लिए ये दिन उपलब्धि दिलाने वाले हो सकते हैं। साथ ही इन दिनों में दुष्कर्म व जबर्दस्ती की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। सेक्स की भावना भी प्रबल होती है।