इंडिया बुक और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराकर शहर की छात्रा ने रचा इतिहास- कहा- कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता….
यशभारत से चर्चा के दौरान साझा किए अपने अनुभव

जबलपुर,यशभारत। चित्रकारी की दुनिया में संस्कारधानी समेत देशभर में भी अपनी पहचान बनाने वाली सेठीनगर गुप्तेश्वर में रहने वाली दीक्षा गुप्ता जबलपुर की मिट्टी में ही पली बढ़ी हैंऔर आज वे युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन गई हैं। उन्होंने कम उम्र में ही अपने चित्रकला के माध्यम से शहर का नाम के केवल मध्यप्रदेश ही नहीं एशिया में भी रोशन किया है। जिससे जिले वासी आज गर्व की अनुभूति करते हैं। जब भी कला की बात होती है तो आंखों के सामने दीक्षा की की पेंटिंग आ जाती है। दीक्षा गुप्ता ने मेंहदी से तिरूपति बालाजी की 9 फुट ऊंची बनाई हुई है। पेंटिंग के साथ दीक्षा गुप्ता का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। दीक्षा के परिवार में इस खबर को सुनने के बाद खुशी की लहर व्याप्त है।
एशिया बुक और इंडिया बुक और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करके भारत में इतिहास रचने के बाद दीक्षा गुप्ता से यशभारत ने चर्चा की। चर्चा के दौरान दीक्षा ने पेंटिंग के सिलसिले में अपने अनुभव साझा किए।
यशभारत से चर्चा के दौरान कलाकार दीक्षा गुप्ता ने बताया कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। जूते बेचने वाला आज बाटा है और लोहा बेचने वाला आज टाटा है। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने बचपन से ही अपनी अंदर छिपी कला को जानने का प्रयास किया। इसी बीच मेरे भाई सचिन शर्मा ने मेरी पेंटिंग देख मुझे प्रोत्साहित किया । जिसके बाद मैंने पेंटिंग के क्षेत्र में रूचि और बढ़ाकर काम करने लगी।
भगवान की पेंटिग बनाई तो मिलती थी प्रेरणा
मेंहदी से मैंने भगवान कृष्ण, गोपियां, मां दुर्गा, रामदरबार की पेंटिंग बनानी शुरू कर दी जिससे भगवान से मुझे प्रेरणा मिलती रही। नचिकेता कॉलेज में बीबीए करके दीक्षा ने अपनी प?ाई पूरी की और पढ़ाई के दौरान कॉलेज में टॉप भी किया। लॉकडाउन के समय पेंटिग में विशेष ध्यान दिया जिस कारण तिरूपति बालाजी की पेंटिंग मेंहदी से उसने 4 माह में कंप्लीट की और फिर भारत सरकार के एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में पेंटिंग का रजिस्ट्रेशन कराया। रजिस्ट्रेशन के बाद भारत सरकार ने दीक्षा गुप्ता की पेंटिंग को सिलेक्ट किया और फिर इसी पेंटिंग के कारण दीक्षा गुप्ता का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
अपने अंदर के कलाकार को पहचानो
वर्तमान परिवेश में लोगों को सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रहना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि लोग गेम्स खेलकर या सोशल मीडिया में समय बर्बाद करके जीवन गुजार देते हैं। इन सभी को छोड़कर लोगों को अपने अंदर छिपे कलाकार को पहचानकर आगे बढऩा चाहिए।