इंजेक्शन के दलालों को नहीं मिली जमानत:कोर्ट ने कहा- रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले को जमानत देना मतलब समाज और मानवता खिलाफ होना है
35-35 हजार रुपए में बेचे थे रेमडेसिविर इंजेक्शन, सेशन कोर्ट ने जमानत आवेदन किया खारिज
ग्वालियर। इस समय कोरोना महामारी फैली हुई है। कोविड से पीड़ित मरीज अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर द्वारा लिखी गई जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने। साथ ही अधिक मुनाफा के लिए जिंदगी और मौत की परवाह किए बिना अपने स्वार्थ की पूर्ति करने वाले आरोपी को जमानत देना पूरे समाज और मानवता के खिलाफ निर्णय होगा। इसलिए आरोपी मोहसिन खान, रवि रजक को जमानत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने दोनों आरोपियों के जमानत के लिए आए आवेदन को खारिज हुए अपने आदेश में यह बात कही।
जिला एवं सत्र न्यायालय में अपर सत्र न्यायाधीश एके मंसूरी ने आरोपी मोहसिन खान निवासी विनय नगर इन्द्रा कॉलोनी ग्वालियर व रवि रजक निवासी गली नंबर-5 नाका चन्द्रवदनी झांसी रोड के मंगलवार को आए जमानत आवेदन खारिज कर दिए। इससे पहले आरोपियों के जमानत आवेदन पर इस मामले में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक घनश्याम मंगल ने आरोपियों के जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों का अपराध मानवता और समाज के खिलाफ किया गया अपराध है, ऐसे आरोपियों को जमानत का बिल्कुल भी लाभ नहीं मिलना चाहिए। अभियोजक मंगल ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम ब्रांच थाना ने आरोपी मोहसिन खान और रवि रजक को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा था। उन्हें क्राइम ब्रांच ने 29 अप्रैल 2021 को झांसी रोड में मैक्स केयर हॉस्पिटल के पास कोरोना की रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा था। वहां एक अन्य व्यक्ति नीरज दण्डौतिया मिला। जिसने बताया कि वह अपने परिजन के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए आया है। आरोपी उसे एक इंजेक्शन 35 हजार रुपए में दे रहे हैं। आरोपी मोहसिन से 9 हजार रुपए और मैक्स हॉस्पिटल का एक ID बरामद हुआ। शिकायतकर्ता की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला भी दर्ज था। जिसके बाद आदालत ने दोनों आरोपियों के जमानत आवेदन खारिज कर दिए।